सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
उत्तर भारत हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के टनल से पानी रिसाव और भूधंसाव का मामला नवागंतुक जिलाधिकारी के दरबार में भी पहुंच गया है। खारबगड़ के ग्रामीणों ने पुनर्वास की मांग तेज कर दी है। उन्होंने कहा कि बारिश होने पर वह रात को सोते नहीं हैं। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं भयभीत हैं।
गत सोमवार को खारबगड़ के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा है कि खारबगड़ में भू-धंसाव और टनल से पानी का रिसाव हो रहा है। टनल बनते समय भारी मात्रा में विस्फोटक का प्रयोग हुआ है। जिसके कारण पहाड़ धंसने लगा है। 2016 में टनल में पानी डाला गया। उसम समय पानी का कोई स्रोत और भू-धंसाव की समस्या नहीं थी। टनल से कभी भी खारबगड़ गांव को खतरा हो सकता है। खारबगड़, बड़ेत गांव के ग्रामीणों का विस्थापन किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो वह उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। इस मौके पर नीमा देवी, नंदी देवी, प्रेमा देवी, हेमंत देवी, दिनेश सिंह, देव सिंह, हरीश ऐठानी, गोविंद बिष्ट आदि मौजूद थे।