- महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जयन्ती पर भव्य कार्यक्रम
- प्राचार्य राज सिंह सहित समस्त स्टॉफ व छात्र प्रतिनिधियों की पुष्पांजलि अर्पित
- मनमोहक भजनों की प्रस्तुति, छात्र परिषद का गठन
सीएनई रिपोर्टर, सुयालबाड़ी/गरमपानी
जवाहर नवोदय विद्यालय, गंगरकोट, नैनीताल में महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जयन्ती के अवसर पर दोनों महापुरुषों को श्रद्धा सुमन अर्पित किये गये।
विद्यालय के प्राचार्य राजसिंह, समस्त स्टाफ व छात्र प्रतिनिधियों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की करके भव्य कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। विद्यालय की संगीत शिक्षिका स्वाति के मार्गदर्शन में बच्चों द्वारा प्रस्तुत की गई गांधी की पसंदीदा रामधुन ‘रघुपति राघव राजा राम’ तथा भजन ‘साबरमती के लाल’ ने माहौल को संजीदा कर दिया। कला शिक्षिका गीता बोरा ने कार्यक्रम स्थल को भव्य ढंग से सजाया। सुनील कुमार, अंग्रेजी शिक्षक के निर्देशन में छात्र—छात्रा करिश्मा बिष्ट, प्रीति व देवांग ब्रजवासी ने प्रभावशाली ढंग से मंच संचालन किया।
इस अवसर पर छात्र—छात्राओं की ओर से रक्षित जोशी व अपर्णा पाण्डे ने गांधी व शास्त्री के जीवन दर्शन व योगदान पर प्रकाश डाला। कोरोना के कारण विद्यालय की कुछ महत्वपूर्ण गतिविधियां भी बाधित रहीं, अब विद्यालय के खुलने के पश्चात सभी गतिविधियों को फिर से आदर्श रुप देने व कुशल संचालन में छात्र—छात्राओं की भूमिका व नेतृत्व क्षमता विकसित करने के प्रयास के अन्तर्गत विद्यालय की विद्यार्थी परिषद का गठन किया गया।
विद्यार्थी परिषद में विद्यालय कप्तान भावना पपनै व हर्षित सैनी, स्पोर्ट्स कप्तान करिश्मा बिष्ट व मितेश बिष्ट, सह शैक्षणिक गतिविधि कप्तान शालिनी रावत व सुमित कुमार तथा भोजनालय कप्तान इशिका जोशी व अभय सिंह का मनोनयन किया गया। साथ ही सभी सदनों (छात्रावासों) के कप्तान व उप कप्तान भी चुने गए। विद्यार्थी परिषद के सभी सदस्यों को छात्र—छात्राओं की तालियों की गड़गड़ाहट के साथ प्राचार्य व विभिन्न शिक्षक शिक्षिकाओं ने पदनाम पट्टिका पहनाकर स्वागत करते हुए उत्तदायित्व सौंपे।
इस अवसर पर प्राचार्य राजसिंह ने लघु प्रव्रजन व पार्श्व प्रवेश पर आए सभी छात्र—छात्राओं का स्वागत करते हुए मंच से परिचय व अनुभव साझा करने का अवसर प्रदान किया। उन्होंने गांधी व शास्त्री के जीवन मूल्यों को अपनाने की आवश्यकता व वर्तमान परिदृश्य में उनकी प्रासंगिकता पर अपने विचार रखे। प्राचार्य राजसिंह ने इस विचार पर जोर दिया कि किसी भी व्यक्ति की आर्थिक व सामाजिक पृष्ठभूमि समाज कल्याण के कार्य करने व महान व्यक्ति बनने के लिए बहुत अधिक महत्व नहीं रखती, बल्कि व्यक्ति के आंतरिक गुण, निष्ठा, कर्तव्य परायणता, संघर्षशीलता, ईमानदारी व सहिष्णुता सफलता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कार्यक्रम का समापन वरिष्ठ शिक्षक भूपसिंह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ ।