बाल श्रम उन्मूलन को गठित टास्क फोर्स समिति की बैठक संपन्न
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जिलाधिकारी विनीत कुमार ने कहा कि बाल श्रम न केवल अपराध है, बल्कि एक ऐसी मनोवृत्ति भी है जो समाज में अनेक कुरितियों को पैदा करती है। बाल श्रम उन्मूलन हेतु संबंधित विभाग संयुक्त टीम बनाकर जनपद में गहन छापेमारी करें। इसमें लापरवाही कतई सहन नहीं होगी। यह निर्देश उन्होंने बाल मजदूर उन्मूलन के लिए गठित टास्क फोर्स समिति की बैठक की समीक्षा के दौरान दिए।
कलक्ट्रेट में मंगलवार को आयोजित बैठक में डीएम ने श्रम प्रवर्तन अधिकारी को निर्देश दिए कि जनपद से बाल श्रम के पूर्ण उन्मूलन के लिए प्रभावी कार्यक्रम करें।होटल, ढावे, वर्कशॉप, टी स्टॉल, खडिया खदानों के साथ-साथ बाल श्रम संभावित क्षेत्रों, संस्थानों का विस्तृत विवरण तैयार करें। उन स्थान पर पुलिस व प्रशासन के सहयोग से उनका चिह्नीकरण कर समय-समय पर छापेमारी की कार्यवाही करें। यदि इन क्षेत्रों में इस तरह का कोर्इ मामला सामने आता है, तो संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। श्रमिकों के पंजीकरण के लिए विशेष अभियान चलाएं, इसके लिए सभी विभागों के अधीन कार्य कर रहे मजदूरों का भी डाटा तैयार करें, जिनका पंजीकरण नहीं हुआ उनका तत्काल पंजीकरण करें।
ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में विकास खंडवान सीएससी के माध्यम से कैंप लगाएं। सरकार द्वारा श्रमिकों एवं उनके बच्चों के लिये जो भी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, वह सुविधाएं उन्हें अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं। जिलाधिकारी ने श्रम प्रवर्तन अधिकारी को पेंसिल पोर्टल का व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए, ताकि लोगों को पेंसिल पोर्टल के संबंध में जानकारी उपलब्ध हो सके। श्रम प्रवर्तन अधिकारी सुरेश चंद्र ने जिलाधिकारी को बताया कि जनपद में बाल श्रम को रोकने के लिए निरंतर प्रवर्तन की कार्रवाई की जा रही है, अभी तक बाल श्रम से संबंधित कोर्इ मामला प्रकाश में नहीं आया है। बैठक में पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी चंद्र सिंह इमलाल, जिला पंचायत राज अधिकारी बसंत मेहता, जिला समाज कल्याण अधिकारी हेम तिवारी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एनएसटोलिया आदि मौजूद रहे।