सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
महिला जन जागृति समिति की सचिव मुक्ति दत्ता ने उनकी सम्पत्ति की नीलामी संबंधी कार्रवाई को गलत ठहराते हुए कहा है कि बहुउद्देश्यीय वित्त निगम की बकायेदार बता कर उनके पिता की जोड़ी संपत्ति को कुर्क किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनके साथ नाइंसाफी हो रही है।
उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही के चलते मंगलवार को मुक्तिदत्ता पत्रकारों से मुखाबित हुई और उन्होंने मामले पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह सच्चाई जनता के समक्ष रखना चाहती है। यहां होटल शिखर में प्रेसवार्ता में मुक्ति दत्ता ने बताया कि वर्ष 2007 में उनके द्वारा गरीब महिलाओं के उत्थान के लिए बुनकर के क्षेत्र में कई कार्य किए। उनके कार्यों को देखते हुए 65 लाख रूपये का ऋण बहुउद्देश्यीय वित्त निगम से दिया गया। इसमें तीन चरणों में महिलाओं को प्रशिक्षण देकर बुनकर करना और महिला उत्थान करना था। पहले चरण में प्रशिक्षण के बाद महिलाओं ने उत्पादन शुरू किया, किंतु शेष दो चरणों में सरकार से सहयोग मिलना बंद हो गया। जिससे कार्य प्रभावित होकर अधूरा लटक गया। उन्होंने कहा कि निगम को समिति ऋण का अधिकांश पैसा लौटा चुकी हैं। करीब 8 लाख रुपये की देनदारी बांकी थी। अब ब्याज व पेनाल्टी इत्यादि लगाकर इसके एक करोड़ के करीब देनदारी बताया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वह प्रशासन की कार्यवाही के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण में गई हैं और अदालत ने सुनवाई के बाद फैसले के लिए मामला सुरक्षित रखा है। उन्होंने कहा कि अदालत को जो आदेश आएगा, वह उन्हें मान्य होगा। उन्होंने कहा कि मामला पर अदालत में है, इसके बावजूद प्रशासन 5 मई 2022 को संपत्ति की कुर्की पर आमादा है। इस अवसर पर पंचाचूली वीमेंस वीवर की मुन्नी बिष्ट व जन जागरण समिति की मुन्नी मेहता ने भी प्रशासन के इस कदम पर सवाल उठाए। उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने मुक्ति दक्ता को बहुउद्देश्यीय वित्त निगम का बकायेदार बताया है। प्रशासन ने अचल सम्पत्ति के विक्रय को 1950 के उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम की धारा 284 या धारा 286 के अधीन नीलामी के लिए 05 मई 2022 की तिथि निर्धारित की गयी है।