हल्द्वानी। नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृृदयेश ने भारतीय जनता पार्टी के विधायकों में अपनी ही सरकार के खिलाफ फैल रहे असंतोष पर राज्य सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों में उपजे विद्रोह के स्वर इस बात का प्रतीक हैं कि सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। जन समस्याओं के समाधान हेतु निर्वाचन प्रतिनिधियों की शिकायतों पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। नौकरशाही निरंकुश हो चुकी है और उसे सरकार का कोई डर नहीं रह गया है।
डा. हृदयेश ने कहा है कि ऐसी परिस्थितियों में 2022 के चुनाव को लेकर निर्वाचित प्रतिनिधियों ने केंद्रीय नेतृत्व से हस्तक्षेप कर प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की मांग की है। सत्तारूढ़ दल में इस प्रकार का असंतोष जनता में भारी निराशा पैदा कर रहा है। प्रदेश में विकास कार्य पूर्णतया ठप हैं और कर्मचारियों की छंटनी के कारण लोग भुखमरी के कगार पर आ खड़े हुए हैं। 1 दिन का वेतन काटने से कर्मचारी बेहद नाराज हैं, अपनी जान पर खेल कर रहे कोरोनावायरस के वेतन में भी कटौती की जा रही है। डाक्टर्स एसोसिएशन ने भी आंदोलन करने की धमकी दी है।
इंदिरा ने कहा है कि ऐसी परिस्थिति में जनता की समस्याओं का समाधान करना इस सरकार के बस की बात नहीं दिखाई पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि संकटकाल में हर मोर्चे पर विफल भाजपा सरकार शीघ्र नया जनादेश प्राप्त करें भारी बहुमत के बावजूद भाजपा कार चलाने में विफल साबित हुई है। तीन मंत्रियों के रिक्त पदों पर नियुक्ति नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन करने को बाध्य होगी।