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बागेश्वरः सैकड़ों लोगों ने प्रिय नेता को नम आंखों से दी अंतिम विदाई

अंतिम यात्रा में भी चंदन राम दास के मृदुल व्यवहार की रही चर्चा
कोई विकास कार्यों को याद करता, तो कोई उनके साथ बिताए पल

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वरः उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री स्व. चंदन राम दास के अंतिम दर्शन के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी समेत मंत्री, विधायक, राजनैतिक, सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनों के लोगों व अन्य लोगों का हुजूम उमड़ा। दूर दराज से लोग यहां पहुंचे। उन्होंने उनके आवास पर पहुंचकर उनके अंतिम दर्शन किए और श्रद्धांजलि दी। सैकड़ों की तादाद में लोगों ने अपने प्रिय नेता एवं मंत्री को नम आंखों से अंतिम विदाई दी।

स्व. चंदन राम दास का पार्थिव शरीर उनके बनखोला स्थित आवास पर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा था। सुबह से ही लोगों का तांता लगना शुरू हो गया था। महज बागेश्वर जनपद ही नहीं बल्कि अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चंपावत, रानीखेत, हल्द्वानी, नैनीताल आदि क्षेत्रों से राजनैतिक, सामाजिक संगठनों के लोग यहां पहुंचे और उन्होंने उनकी शवयात्रा में प्रतिभाग किया। प्रातः लगभग साढ़े दस बजे उनकी शव यात्रा निकली। जिसमें सैंकड़ों लोग शामिल हुए। भीड़ के लिए घर के समीप जगह नहीं होने प्रशासन को घर के पास भीड़ रोकनी पड़ी। इस कारण तमाम लोगों ने सड़कों के किनारे शव यात्रा का इंतजार किया। ज्यों ही शव यात्रा घर से निकली, तो रास्ते से लोग शव यात्रा में शामिल होते रहे। शव यात्रा में इतनी भीड़ थी कि भीड़ को तीन मार्गों से गुजारना पड़ा।

शव यात्रा परंपरानुसार शव यात्रा मार्ग सरयू के झूला पुल से होकर गुजरी। पुल के कमजोर होने के कारण प्रशासन ने इस मार्ग से पार्थिव शरीर के साथ कुछ लोगों को ही जाने की अनुमति दी तथा शव यात्रा में शामिल लोगों को मुख्य सरयू पुल व नए सरयू पुल से होते हुए गुजारा। श्मशान घाट में इतनी भीड़ थी कि वहां लोगों को जगह नहीं मिली, जिससे कई लोगों ने पुलों, नुमाइश मार्ग आदि स्थानों से अपने प्रिय विधायक व मंत्री को नम आंखों से विदाई दी।

कई वरिष्ठ नेताओं ने अपनी गहरी शोक संवेदना व्यक्त की। वित्त मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि चंदन दास ने हमेशा जनता की आवाज उठाई। स्वास्थ्य खराब होने के बावजूद विकास की रट लगाए रखी। उन्होंने कहा कि उनके सपनों को साकार करने में सरकार गंभीर रहेगी। मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि चंदन राम दास एक कुशल राजनीतिज्ञ थे। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने मंत्री चंदन राम दास के निधन को राज्य की अपूरणीय क्षति बताया और कहा कि सरकार उनके विकास कार्यों के प्रयासों को पूरा करेगी। पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि चंदन राम दास के अंतिम क्षणों में मैं उनके साथ था। अंतिम समय पर भी वे विकास कार्यों की बातें कह रहे थे तथा विकास पर चर्चा की थी।
एक मां की तरह हुआ दुखः कोश्यारी

दास की अंतिम यात्रा में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज उन्हें वैसा ही दुख हुआ है, जैसे किसी मां को बेटे के निधन पर दुख होता है।
दास को कभी गुस्से में नहीं देखा

बागेश्वरः स्व. चंदन राम दास के मृदुल व्यवहार को लोग कायल थे। आज जब उनकी अंतिम यात्रा निकल रही थी, तो उस दौरान जगह-जगह उनके व्यवहार व कार्यों की चर्चा होती सुनी गई। हर कोई कहता कि कभी चंदन राम दास को गुस्से में नहीं देखा। कई लोग उनके साथ बिताए पलों का स्मरण करते देखे गए।

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