हल्द्वानी ब्रेकिंग: हाई इन्टेसिव आईसीयू में रखने की आवश्यकता नहीं थी तो कोरोना मरीज मरे कैसे, डीएम ढूंढ रहे इस सवाल का जवाब, एक सप्ताह का दिया समय
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हल्द्वानी । जिलाधिकारी सविन बंसल ने एसटीएच में कोरोना संक्रमण से मरीजों की मृत्यु होने को गम्भीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी डा. भागीरथी जोशी को डा. सुशीला तिवारी चिकित्सालय में कोरोना संक्रमण से हुए 8 मरीजों की मृत्यु का डेथ आडिट को रिव्यू करते हुए स्पष्ट आख्या एक सप्ताह में देने के निर्देश दिये हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि नोडल अधिकारी डा. सुशीला तिवारी चिकित्सालय रोहित राणा ने एसटीएच की कार्यप्रणाली तथा अनियमितताओं के सम्बन्ध में अपनी आख्या एवं चिकित्सालय में सुधार हेतु सुझाव दिये हैं।
उन्होंने बताया कि नोडल अधिकारी एसटीएच द्वारा दी गई आख्या में टियर थ्री आईसीयू (हाई इन्टेसिव आईसीयू) में कोरोना मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण यह उल्लेखित किया गया है कि किसी भी कोरोना मरीज को हाई इन्टेसिव आईसीयू की आवश्यकता न होने के दृष्टिगत मरीज को भर्ती नहीं किया गया। परन्तु यह तथ्य महत्वपूर्ण है कि वर्तमान समय तक 8 मरीजों की कोरोना संक्रमण के कारण मृत्यु हो चुकी है। ये मरीज कोरोना संक्रमण की दृष्टि से गम्भीर मरीजों की श्रेणी मे आते थे, इन मरीजों को हाई इन्टेसिंव आईसीयू मे भर्ती किये जाने की आवश्यकता थी।
जिस पर जिलाधिकारी बंसल ने आम जनमानस के स्वास्थ्य हितों एवं चिकित्सालय प्रबन्धन की व्यवस्थाओं मे व्याप्त लापरवाही व अनियमितताओं को देखते हुये मुख्य चिकित्साधिकारी को एसटीएच में कोरोना संक्रमण से हुई 8 मरीजों की मृत्यु का डेथ आडिट रिव्यू करते हुये क्या मृतकों के डेथ आडिट में हाई इंटेंसिव आईसीयू में नही रखने का उल्लेख किया है, क्या कोरोना संक्रमण से मृतक मरीजों को हाई इंटेसिव आईसीयू में रखने की आवश्यकता थी। यदि कोरोना संक्रमण से मृतकों को समय रहते हाई इंटेंसिव आईसीयू मे भर्ती करा दिया जाता तो क्या उनकी मृत्यु की सम्भावनाओं को न्यून किया जा सकता था, पर स्पष्ट रिपोर्ट एक सप्ताह मे प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।