जनपद पिथौरागढ़ अंतर्गत मुनस्यारी (Munsyari) एक प्रमुख हिल स्टेशन है। यहां की खूबसूरती सालों देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती आई है। यह सीमांत क्षेत्र एक तरफ से तिब्बत तो दूसरी तरफ नेपाल से लगा हुआ है। यहां पहुंच कर आप पंचाचूली पर्वत श्रंखला के भी दर्शन कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि मुनस्यारी दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला शब्द ‘मुन’ और दूसरा ‘स्यार’ है। ‘मुन’ को लोकल भाषा मे ‘बर्फ कण’ कहा जाता है। वहीं ‘स्यार’ शब्द कुमाउनी में दलदल वाले इलाके को कहा जाता है। बर्फ और कीचड़ एक ही क्षेत्र में होने के कारण इस क्षेत्र को ‘मुनस्यारी’ कहा जाता है। खलिया पर्वत पर बसा यह इलाका अद्भुत सौंदर्य से परिपूर्ण है।
इतिहास व दंत कथाओं में मुनस्यारी –
प्राचीन काल में मुनस्यारी को ‘तिकसेन’ के नाम से जाना जाता था। पौराणिक कथाओं में इस क्षेत्र का उल्लेख आता है। कथा में बताया जाता है कि पांडवो ने स्वर्गारोहण की शुरुआत यहीं से की थी। द्रौपदी ने अंतिम बार यहीं पर भोजन बनाया था। पंचाचुली पर्वत श्रंखला को पांच पांडवों के प्रतीक के रूप में भी देखा जाता है।
यह भी बताना चाहेंगे कि वर्ष 1962 यानी भारत चीन युद्ध से पहले यह इलाका भारत तिब्बत व्यापार का एक प्रमुख पड़ाव था। हालांकि 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद यह व्यापार बंद हो गया।
मुनस्यारी के प्रमुख पर्यटक स्थल –
हिम नगरी मुनस्यारी में घूमने लायक पर्यटक स्थलों की कोई कमी नहीं है। यहां आकर आप तमाम प्रकार के पौराणिक धार्मिक स्थल, साहसिक ट्रेकिंग मार्ग आदि हैं। ट्यूलिप गार्डन में यहां पर है।
यदि कभी आप मुनस्यारी आए तो ट्यूलिप गार्डन, बिर्थी झरना, बर्ड वाचिंग, मिलम ग्लेशियर, रालम ग्लेशियर, नंदा देवी बेस कैंप, नंदा देवी मंदिर, काला मुनि मंदिर पंचाचूली चोटी, माहेश्वरी कुंड, थमरी कुंड, मैडकोट आदि भी जा सकते हैं।
ट्यूलिप गार्डन/Tulip garden Munsyari
यहां का ट्यूलिप गार्डन एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डनों में शुमार है। यह 50 हेक्टेयर क्षेत्र के विकसित भू-भाग में फैला है। यहां देश-विदेश की तमाम प्रजातियों के फूल आप देख सकते हैं। यह पंचाचूली पर्वत शिखरों की तलहटी में अवस्थित है। फूलों के साथ ही आप पंचाचूली के दर्शन यहां से कर सकते हैं।
बिर्थी वाटर फॉल (Birthi waterfall Munsyari)
मुनस्यारी से लगभग 35 किमी दूर आप बिर्थी झरने का दीदार कर सकते हैं। अल्मोड़ा से यदि आप मुनस्यारी को जायें तो यह झरना 35 किमी की दूरी पर है। वहीं ‘तेजम’ से इसकी दूरी करीब 14 किलोमीटर है। मुनस्यारी के बिर्थी झरने की ऊंचाई लगभग 400 फ़ीट है। इसकी खूबसूरती सर्वाधिक बरसात के सीजन में देखने में आती है। ज्ञात रहे कि जुलाई से सितंबर के बीच यह झरना पूरे ऊफान पर रहता है। यहां आप झरने में साहसिक खेल भी खेल सकते हैं। जिसे रैपलिंग कहा जाता है।
थमरी कुंड (Thamari Kund) –
मुनस्यारी का थमरी कुंड बहुत खूबसूरत है। यह 12 महीने वाली झील है। कुमाऊं घाटी में यह सबसे अधिक ताजे पानी की झील के रूप में विख्यात है। मुनस्यारी सिटी से इस स्थान तक पहुंचने में आपको 8 घंटे का वक्त लगेगा। अल्पाइन के पेड़ों से घिरा थमरी कुंड निश्चित रूप में अद्भुत है।
नंदा देवी मंदिर (Nanda Devi Temple) –
नगर से यह तीन किलोमीटर की दूरी पर है। यह करीब 7 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। माता के दर्शन को यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।
मैडकोट (Madcoat) –
यह गर्म पानी का प्राकृतिक कुंड है। जो कि मुनस्यारी से 05 किमी की दूरी पर है। कहा जाता है कि इस कुंड में नहाने से त्वचा संबंधी रोग, बदन दर्द और गठिया जैसी बीमारियों का निदान हो जाता है। इस स्थान पर बड़ी शांति का अहसास होता है।
मिलम ग्लेशियर (Milam Glacier)
यदि आप कभी मुनस्यारी आयें तो गौरीगंगा नदी का उद्गम स्थल – मिलम ग्लेशियर भी जा सकते हैं। इसकी उंचाई 5500 मीटर से 3870 मीटर के बीच है। यह कुमाऊँ मंडल का सबसे बड़ा ग्लेशियर है। बता दें कि इसे भारत-चीन युद्ध के दौरान 1962 में बंद कर दिया गया था। फिर पुन: 1994 में खोल दिया गया। मिलम ग्लेशियर के लिए मुनस्यारी से पैदल ट्रेकिंग की जाती है।
बर्ड वाचिंग खलिया टॉप (Khaliya Top, Bird watching in Munsyari)
यदि आप देवभूमि उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्र मुनस्यारी आये हैं तो यहां की खूबसूरत चिड़ियों को देखना भी जरूर चाहेंगे। इसके लिए आप खलिया टॉप जरूर जाना। मुनस्यारी का यह ट्यूलिप गार्डन बर्ड वाचिंग सेंटर भी है। ययां 340 से अधिक बर्थ प्रजातियां हैं।
रालम ग्लेशियर मुनस्यारी (Ralam Glacier Munsiyari)
पिथौरागढ़ जनपद की यह ग्लेशिर शान है। यह रालम खल के रालम धुरा के पास स्थित है। रालम की ऊंचाई समुद्रतल से 2290 मीटर है। यह दो भागों में बंटा है, ऊपरी रालम और निचला रालम। यहां रालम धुरा या रालम ग्लेशियर में आप ट्रेकिंग, फोटोग्राफी, ग्रामीण पर्यटन आदि का आनंद उठा सकते हैं।
नंदा देवी बेस कैंप (Nanda Devi Base Camp)
देश की सबसे ऊंची चोटियों में नंदा देवी चोटी शामिल है। देश में यह दूसरे तथा दुनिया की यह 23 वीं सबसे ऊंची चोटी है। नंदा देवी बेस कैंप में आप ट्रेकिंग कर नंदा देवी चोटियों के बीच जैवमंडल और वायुमंडल का आनन्द ले सकते हैं। इसके बावजूद ट्रेकिंग से पूर्व आपको इसका पूर्व अनुभव होना चाहिए। यह बहुत रिस्की ट्रेक है। प्रारम्भ करने से पूर्व तैयारी आवश्यक है।
कैसे पहुंचे मुनस्यारी (How To Reach Munsiyari) –
उत्तराखंड के हिल स्टेशन मुनस्यारी आने के लिए कोई डॉयरेक्ट सड़क मार्ग नहीं है। आज चाहें तो हवाई, ट्रेन, बस या कार से भी यात्रा कर सकते हैं।
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मुनस्यारी जाने के लिए संपर्क करें – दिनेश भट्ट, मोबइल नंबर – 94107 06890