हल्द्वानी से दुःखद खबर सामने आ रही है यहां सुशीला तिवारी अस्पताल के पास एक महिला ने ऑटो में ही बच्चे को जन्म दे दिया। इस घटना में नवजात बच्चे की मौत हो गई। पूरा पढ़ें…
हल्द्वानी समाचार| सुशीला तिवारी अस्पताल से एक गर्भवती को जांच के बाद घर भेज दिया गया। दर्द उठने पर परिजन उसे फिर एसटीएच ला रहे थे, लेकिन रास्ते में ऑटो में ही महिला का प्रसव हो गया। इससे नवजात की मौत हो गई। घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। उन्होंने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल प्रशासन से कार्रवाई की मांग की।
दरअसल, नई बस्ती वनभूलपुरा निवासी मोहम्मद वसीम ने बताया कि उसकी 24 वर्षीय पत्नी हुसना नाज को रविवार सुबह 9 बजे प्रसव पीड़ा हुई। उसे एंबुलेंस से महिला अस्पताल लाया गया। अवकाश होने के कारण वहां अल्ट्रासाउंड नहीं हो पाया। हीरानगर स्थित एक निजी लैब में अल्ट्रासाउंड कराया गया। करीब 12 बजे वह पत्नी को लेकर एसटीएच पहुंचे। यहां इमरजेंसी से उसे गायनी वार्ड में भेजा गया।
बताया कि चिकित्सक ने पत्नी की जांच की और उसे दर्द रोकने का इंजेक्शन लगाकर घर भेज दिया। दोपहर 2 बजे वह पत्नी को लेकर घर पहुंचा। एक घंटे बाद पत्नी को फिर से प्रसव पीड़ा हुई। इस पर वह तत्काल ऑटो से एसटीएच जाने लगा तो इमरजेंसी के पास पहुंचते ही पत्नी ने ऑटो में ही बच्चे को जन्म दे दिया। घटना में नवजात की मौत हो गई।
इस पर परिजन भड़क गए। सूचना पर स्थानीय लोग भी जमा हो गए और हंगामा करने लगे। अस्पताल प्रशासन की सूचना पर मौके पर पुलिस पहुंची। उधर, प्रसूता को एसटीएच में भर्ती कराया गया है। मामले में पूछताछ की जा रही है।
विभागाध्यक्ष गीता जैन का कहना है कि गर्भवती को देखा गया था। महिला को भर्ती कराने के लिए कहा गया तो परिजनों ने उसे भर्ती कराने से मना कर दिया। इसके बाद परिजन लिखित में देने के बाद महिला को घर ले गये।
राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के प्राचार्य अरुण जोशी ने कहा, परिजनों की लिखित शिकायत आती है तो मामले की जांच कराई जायेगी।