ब्रेकिंग न्यूज : चार मई से खुलेंगे सरकारी कार्यालय लेकिन…

देहरादून। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने पत्रकारवार्ता करके यह साफ किया है कि लॉकडाउन 3.0 के दौरान 4 से 17 मई तक किन-किन चीजों…

देहरादून। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने पत्रकारवार्ता करके यह साफ किया है कि लॉकडाउन 3.0 के दौरान 4 से 17 मई तक किन-किन चीजों को खोला जा सकता है। इस मौके पर सचिव वित्त अमित नेगी और सचिव परिवहन शैलेश बगौली भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कोरोना की लड़ाई में राज्य ने बेहतर काम किया है।

इस दौरान सामाजिक दूरी बरते जाने से काफी मदद से मिली। लोगों की जागरूकता ने भी अच्छी भूमिका अदा की। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दोनों चरणों में जनता का सरकार को पूर्ण सहयोग मिला। अब 4 मई से दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन बढ़ाया गया है। लॉकडाउन के तीसरे चरण में तीन ज़ोन के माध्यम से जनता को राहत दी जाएगी। उन्होंने बताया कि चार मानकों को देखकर ज़ोन का निर्धारण हो रहा है।

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मुख्य सचिव ने कहा कि शाम के 7 बजे से सुबह 7 बजे तक पूर्ण लॉकडाउन का सख़्ती के साथ पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। रेड ज़ोन में आने वाले जनपदों के ग्रामीण क्षेत्रों को लोगों को राहत दी जाएगी। लेकिन शहरी क्षेत्र में फिलहाल कोई राहत नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल उत्तराखंड राज्य में 29 दिनों में कोरोना पॉज़िटिव के केस दोगुने की औसत से बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि 4 मई से सरकारी कार्यालय सुबह 10 से 4 बजे तक खुलेंगे। महिला कर्मिकों और 55 साल से ऊपर के कर्मिको को भी राहत दी गई है।

उन्होंने बताया कि 4 मई से सरकारी कार्यालयों को खोलने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। सरकारी कार्यालयों को खोलने के लिए गाइडलाइन भी जारी की गई है। सरकारी कार्यालय सुबह 10 से 4 और सचिवालय को सुबह 9:30 से 4 बजे तक खोलने के निर्देश दिए गए हैं। ग्रीन ज़ोन में क और ख श्रेणी के अधिकारी शत प्रतिशत, ग और घ श्रेणी के 50 प्रतिशत अधिकारी कर्मचारियों को उपस्थित रहने के आदेश दिए गए हैं।

रेड और ऑरेंज ज़ोन में क, ख के लिए शत प्रतिशत और ग, घ के लिए प्रथम सप्ताह 33 प्रतिशत उपस्थित रहने के आदेश जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभागों में सामाजिक दूरी का ख्याल रखना होगा। इसके अलावा हर कार्यालय में सेनेटाइजेशन की समुचित व्यवस्था रखनी होगी। शिक्षण संस्थानों में केवल अति आवश्यक कार्य के लिए ही आने के आदेश दिए गए हैं। प्रवासी उत्तराखंडवासियों और राज्य के भीतर फँसे लोगों को लेकर एसओपी बनाई गई है।

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