सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
एनआरएचएम के पूर्व उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता बिट्टू कर्नाटक ने आज जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन प्रेषित कर राज्य में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत आशा वर्कर्स को विभिन्न सुविधाएं देने की मांग उठाई है, ताकि उन्हें अपनी जायज मांगों के लिए आंदोलन नहीं करना पड़े।
ज्ञापन में कहा है कि आशा वर्कर्स के जिम्मे अनेक कार्य हैं और बड़ी जिम्मेदारियों को निभाने के बावजूद उन्हें न तो सन्तोषजनक मानदेय मिल रहा है और न ही भत्ते एवं अन्य सुविधा प्राप्त मिल पा रही हैं। ऐसे में उन्हें आजीविका चलाने में भारी मुश्किलें हो रही हैं। वर्तमान में आशा वर्कर्स को मात्र 2000 रुपये मासिक मानदेय तथा 1000 रुपये
कोविडकाल के कार्यो के निमित्त भत्ता मिल रहा है। जो बेहद न्यून है। यहां तक कि जिम्मेदारी देने बावजूद कोरोनाकाल में उनका बीमा तक नहीं कराया गया और न ही कोई प्रोत्साहन राशि दी गई। उन्होंने कहा कि उनके योगदान को देखते हुए उन्हें स्थायी नियुक्ति दी जानी चाहिए। सेवा के दौरान मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को उचित मुआवजा मिले। उन्होंने कहा कि ऐसी भारी उपेक्षा से आशा वर्कर्स अब अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन को बाध्य हो रहे हैं।
श्री कर्नाटक ने मुख्यमंत्री से मांग की कि इन कर्मचारियों के अनावश्क बोझ को हटाया जाना चाहिये। उन्हें तत्काल सन्तोषजनक मानदेय व भत्ते दिए जाएं और बीमा कराया जाए। साथ ही जरूरी उपकरण मुहैया कराए जाएं, ताकि वे उत्साह से कार्य कर सकें।