नई दिल्ली | बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी का सोमवार शाम को दिल्ली AIIMS में इलाज के दौरान निधन हो गया। वे 72 साल के थे। बीते कुछ समय से गले के कैंसर से पीड़ित थे। सुशील ने करीब 7 महीने पहले गले में दर्द की शिकायत पर जांच कराई थी, जिसमें कैंसर का पता चला था। इसके बाद से दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था। उन्होंने 3 अप्रैल को अपने कैंसर की जानकारी सोशल मीडिया पर दी थी। लिखा था, ‘पिछले 6 महीने से कैंसर से संघर्ष कर रहा हूं। अब लगा कि लोगों को बताने का समय आ गया है।’
उनका पार्थिव शरीर मंगलवार को विशेष विमान से 12 बजे दिल्ली से पटना पहुंचेगा। पार्थिव शरीर को पटना एयरपोर्ट से सीधे घर ले जाया जाएगा। राजेंद्र नगर स्थित निजी आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। वहां से बीजेपी ऑफिस, विधान पार्षद होते पटना के गुलबी घाट पर अंतिम संस्कार होगा। जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल होंगे। शाम 4 बजे वे पटना आएंगे।
सुशील मोदी के निधन की खबर फैलते ही बिहार समेत दिल्ली में शोक की लहर है। राष्ट्रपति, पीएम, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, राजद सुप्रीमो लालू यादव समेत कई दिग्गजों ने उनके निधन पर शोक जताया है। सुशील मोदी को याद कर बीजेपी नेता अश्विनी चौबे रो पड़े। वहीं चिराग पासवान ने इसे दोहरी क्षति बताया। बात करते हुए वो भी भावुक नजर आए। बिहार बीजेपी ने आज के सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।
नीतीश कुमार ने रद्द किए सभी कार्यक्रम
सीएम नीतीश कुमार ने आज के अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नामांकन में भी शामिल नहीं होंगे। आज नीतीश कुमार की पत्नी की पुण्यतिथि भी थी उस कार्यक्रम को भी रद्द कर दिया है।
नीतीश सरकार में डिप्टी CM रहे सुशील मोदी
सुशील मोदी 2005 से 2013 और 2017 से 2020 तक बिहार के वित्त मंत्री रह चुके हैं। वो नीतीश सरकार में डिप्टी CM भी रह चुके हैं। 2005 के बिहार चुनाव में NDA सत्ता में आई और मोदी को बिहार भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। बाद में उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया और बिहार के उपमुख्यमंत्री का पद संभाला। 2010 के बिहार चुनाव में NDA की जीत के बाद वह बिहार के उपमुख्यमंत्री बने रहे।
जेपी आंदोलन से राजनीति में आए थे
सुशील बिहार में 70 के दशक के जेपी आंदोलन से राजनीति में आए थे। इसके बाद RSS से जुड़े रहे। उनकी छात्र राजनीति की शुरुआत 1971 में हुई थी। 1990 में सुशील ने पटना केन्द्रीय विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचे। साल 2004 में वे भागलपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीते। साल 2005 में उन्होंने संसद सदस्यता से इस्तीफा दिया और विधान परिषद के लिए निर्वाचित होकर उपमुख्यमंत्री बने। यहीं से नीतीश कुमार के साथ उनका साथ शुरू हुआ।
पीएम बोले- बिहार में भाजपा के उत्थान में उनका अमूल्य योगदान रहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुशील मोदी के निधन पर शोक व्यक्ति करते हुए X पर लिखा कि बिहार में भाजपा के उत्थान और उसकी सफलताओं के पीछे उनका अमूल्य योगदान रहा है। जीएसटी पारित होने में उनकी सक्रिय भूमिका सदैव स्मरणीय रहेगी। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति!
सुशील मोदी के निधन पर खडगे ने जताया शोक
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता तथा बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। खडगे ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को बेहतर बनाने में उनके योगदान को याद करते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा ‘बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ नेता श्री सुशील मोदी जी के निधन पर उनके परिवारजनों एवं समर्थकों के प्रति गहरी संवेदनाएँ। हमारी विचारधारा अलग थी पर लोकतंत्र में देश हित सर्वोपरि होता है। उन्होंने जीएसटी कॉउंसिल में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे। सादर श्रद्धांजलि।’