बागेश्वर। जिले में कोरोना संक्रमित आठ लोग हो चुके हैं, जनपद ग्रीन से अब ऑरेंज हो गया है। फिर भी स्वास्थ्य अधिकारी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। क्वारंटाईन सेंटरों में लोग परेशान हैं। लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है। जीआईसी कांडा में में अपना क्वारेंटाइन पीरियड पूरा कर चुके प्रवासी अब घर कैसे जाए इस सवाल को लेकर परेशान हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से उन्हें क्वारेंटाइन पीरियड पूरा करने का कोई प्रमाणपत्र नहीं दिया गया है, ग्राम प्रधान उन्हें गांव में न घुसने देने की बात कर रहे हैं, चिकित्साधिकारी आशा और ग्राम प्रधान को इसके लिए अधिकृत बता रहे हैं, आशा बिना किसी उपकरण के स्वास्थ्य ठीक होने का सर्टिफिकेट देने को तैयार नहीं है। ग्राम प्रधान मेडिकल के बारे में जानकारी न होने की बात कर रहे हैं, उच्च अधिकारी फोन उठाकर समस्याएं सुनने को तैयार नहीं हैं, कुल मिलाकर क्वारेंटाइन किए लोग घर जाने को बिलख रहे हैं।
मामला जीआईसी कांडा में बने क्वारंटाईन सेंटर का है। जहाँ पर दो ग्राम सभा पंकचोड़ा और नाघर माजिला के प्रवासियों को रखा गया है। जिसमें कुल 15 लोगों को फैसिलिटी क्वारंटाइन किया गया है। लेकिन उन्हें देखने जाने की फुर्सत स्वास्थ्य कर्मियों के पास नहीं है। ये हम नहीं वहां रह रहे प्रवासी कह रहे है। मनोज कुमार ने बताया कि आज उनका एकांतवास पूरा हो गया। लेकिन वे घर नहीं जा पा रहे हैं। उनके पास स्वास्थ्य विभाग का क्वारंटाइन सर्टिफिकेट नहीं है। उन्होंने कहा कि आज तक कोई भी डॉक्टर या उनकी टीम यहां पर जांच के लिए नहीं आयी । इसी तरह प्रवासी गंगा देवी ने कहा कि उनके छोटे छोटे बच्चे हैं। बच्चों को संभालना मुश्किल हो रहा है। आज उनकी क्वारंटाइन अवधि पूर्ण हो चुकी है उन्हें घर जाना है,लेकिन प्रधान बिना सर्टिफिकेट उन्हें गांव में घुसने नहीं दे रहे है। डॉक्टर की टीम आ नहीं रही है। आशा और ग्राम प्रधान के पास न जांच करने की व्यवस्था है और ना ही क्वारंटाइन मुक्त करने के सर्टिफिकेट। हालात बदतर है साहब । स्वास्थ्य टीम को क्वारंटाइन सेंटर बुलाने के लिए ग्राम प्रधान और जनप्रतिनिधि कभी विधायक को तो कभी किसी नेता से गुहार लगा रहे हैं। ग्राम प्रधान प्रभा देवी ने बताया कि उन्होंने एसडीएम कांडा को इस विषय पर पत्र भी दिया है।
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इधर प्रभारी चिकत्साधिकारी सीएचसी कांडा डॉ हरीश पोखरिया ने कहा की उनकी टीम लगातार क्वारंटाइन सेंटर जा रही है।प्रवासियों का पूरा चैकअप किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उच्च अधिकारियों ने कहा है कि ग्राम प्रधान और आशा क्वारंटाइन मुक्त कर सकते हैं।
क्वारंटाइन मुक्त करने के बारे में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीके सक्सेना को कॉल की गई तो उन्होंने क्वारंटाइन सेंटर की बात सुन कॉल काट दी। दोबारा कॉल करने पर कोई रिस्पांस नहीं दिया और ना ही कॉल बैक किया। आपको बता दें मंगलवार को विधायक चन्दन राम दास प्रवासियों के लिए हो रही बदइंतजामी से काफ़ी नाराज दिखे थे। उन्होंने दो टूक कहा कि सरकार द्वारा सारे इंतज़ाम करने पर भी अधिकारी ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे हैं।