✍️ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपकर विकट समस्या की ओर खींचा डीएम का ध्यान
सीएनई रिपोर्टर,अल्मोड़ा: सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा का शायद ही कोई मोहल्ला हो, जहां के वाशिंदे बंदरों के आतंक से भयभीत व परेशान नहीं हों। समय—समय पर लोग इनके आतंक से निजात दिलाने की गुहार लगाते थक गए, लेकिन नगर में बंदरों के कुनबा बढ़ता ही चले जा रहा है। जिससे लोगों की दुश्वारियां बढ़ते चले जा रही है। बेखौफ व कटखने बंदर अधिसंख्य लोगों पर हमला बोल उन्हें काट चुके हैं। मगर समस्या संज्ञान में होने के बाद भी नगरपालिका, वन विभाग व जिला प्रशासन मौन ही साधे हैं। इसी क्रम में अब यहां सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांडे व दयाकृष्ण कांडपाल ने फिर डीएम को ज्ञापन सौंपकर उनका ध्यान दिन—ब—दिन विकट होते जा रही इस समस्या की ओर खींचा है और नगर को बंदरों के आतंक से भयमुक्त करने के लिए ठोस कदम उठाने का अनुरोध किया है।
उन्होंने ज्ञापन के जरिये डीएम को बताया है कि पिछले कुछ वर्षों में नगर मुख्यालय में बंदरों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है, जिसके कारण स्कूली बच्चे और राहगीर स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, क्योंकि ये बंदर कब कहां किस पर टूट पड़ें, इसका कोई भरोसा नहीं। उन्होंने बताया बंदरों का विचरण महज रास्तों व सड़कों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि ये बंदर सरेआम दुकानों व घरों के अंदर घुसकर बड़ी क्षति पहुंचा रहे हैं। जिससे आमजन बुरी तरह समस्या से प्रभावित हैं। उन्होंने ज्ञापन में पुरजोर मांग की है कि बाहरी जनपदों से सेंचुरी के नाम पर यहां लाकर छोड़े जा रहे बंदरों की रोकथाम के लिए क्वारब पुल पर कड़ी निगरानी रखी जाए और बढ़ती समस्या को देखते हुए वन विभाग को त्वरित कार्रवाई के लिए ठोस कदम उठाने के लिए निर्देशित किया जाए, ताकि बंदरों के आतंक से बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं व पुरुष भयमुक्त हो सकें।