आत्मनिर्भर पहाड़ : मशरूम उत्पादन में पारंगत हुई दर्जनों महिलाएं, बेहतरीन उत्पादन

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए अपने उल्लेखनीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों व उत्पादन को लेकर विशिष्ट पहचान बना चुकी महिला हॉट संस्था…


सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए अपने उल्लेखनीय प्रशिक्षण कार्यक्रमों व उत्पादन को लेकर विशिष्ट पहचान बना चुकी महिला हॉट संस्था किसी परिचय की मोहताज नहीं है। संस्था द्वारा अब महिलाओं को आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करने के लिए उन्हें मशरूम उत्पादन से भी जोड़ा जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि अल्मोड़ा के समीपवर्ती चितई पंत एवं चितई तिवारी गांव की दर्जन भर से अधिक महिलाओं को संस्था द्वारा बाबा एग्रीटेक में प्रशिक्षण दिलवाया गया। जिसकी बदौलत इन प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं ने मशरूम उत्पादन शुरू भी कर दिया है। चितई पंत गांव की लता कांडपाल ने बताया कि महिला हॉट की सचिव कृष्णा बिष्ट का मार्गदर्शन उनके लिए अनुकरणीय रहा। चितई गांव में उन्होंने कई परिवारों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था भी की है। इसका लाभ महिलाओं को मिल रहा है।

लता कांडपाल ने बताया कि वह एमए बीएड है एवं 15 सालों तक महिर्षी विद्या मंदिर बाड़ेछीना में वरिष्ठ शिक्षिका के तौर पर कार्य कर चुकी हैं। इन दिनों कुछ पारिवारिक कारणों से अवकाश में हैं। इस बीच वह संस्था से जुड़ी तथा संस्था ने विवेकानंद कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा मशरूम पर राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम से उन्हें जोड़ा। उन्होंने पार्ट टाइम अपने घर में ही इसकी शुरूआत की। इसमें महिला हॉट का सहयोग एवं बाबा एग्रीटेक पपरसैली का मार्ग दर्शन भी ​रहा। वह आस्टर, मिल्की एवं बटन मशरूम में पारंगत हो चुकी हैं।

लता कांडपाल ने सभी से आग्रह किया कि युवाओं को अपनी सोच बदलकर कृषि की नवीनतम तकनीकों से जुड़ना होगा। आने वाला समय कृषि कार्य का ही है। अतएव आत्मनिर्भरता की ओर यदि बढ़ना है तो उन्हें प्रशिक्षण कार्यक्रमों का लाभ उठाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि महिला हॉट संस्था द्वारा ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में सैकड़ों महिलाओं को बिनाई के क्षेत्र में जोड़ा गया है। आज महिलाएं इस क्षेत्र में पूरी तरह से आत्म निर्भर हैं। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में भी अनेक कार्यक्रमों का संचालन उनके कार्य बोझ को कम करने के लिए किया जा रहा है। इसमें जीबी पंत पर्यावरण संस्थान एवं विवेकानंद संस्थान का भी सहयोग लिया गया है।


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