👉 परेशानियों का सबब बनी कैंचीधाम में अनियंत्रित भीड़
✍️ क्वारब में खाना तो दूर पानी तक नसीब नहीं
सीएनई रिपोर्टर, सुयालबाड़ी/गरमपानी। कैंचीधाम में निरंतर बढ़ती भीड़ आम जन के लिए परेशानियों का सबब बन चुकी है। खास तौर पर इसका सबसे ज्यादा खामियाजा ट्रक चालकों को भुगतना पड़ रहा है, जिन्हें सुबह से शाम पांच बजे तक खैरना में तपती धूप में रोक दिया जा रहा है। भूखे—प्यासे इन ट्रक चालकों को खाना तो दूर पीने का पानी तक नसीब नहीं हो पाता है।
उल्लेखनीय है कि बीते कुछ सालों से सोशल मीडिया के माध्यम से जिस तरह से कैंची धाम को प्रचारित किया गया, उससे यहां पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़नी शुरू हो गई। कभी वीरान सा रहने वाला यह कैंची मंदिर आज एक धार्मिक पर्यटक हब में तब्दील हो चुका है। बकायदा यहां तमाम स्टॉल व दुकानें सज गई हैं, जहां मनमाने दामों पर सामान व खाने—पीने की सामग्री बेची जाती है।
पर्यटकों के आगमन से निश्चित रूप से सरकार की आय में वृद्धि हुई है और कुछ स्थानीय व्यापारियों को भी लाभ मिला है। इसके बावजूद यहां आने वाली पर्यटकों की अनियंत्रित भीड़ से आम जनता का जीना दुश्वार हो चुका है।
अब तो हर रोज भीड़
पहले तो यहां केवल शनिवार इतवार या फिर किसी छुट्टी के रोज भीड़ उमड़ती थी, लेकिन अब तो रोज ही यही नजारा देखने को मिल रहा है। वीकेंड की यदि बात करें तो शनिवार व रविवार को यहां सबसे अधिक भीड़ लगती है।
पर्यटकों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन के भी हाथ—पांव फूलने लगे हैं। जिस कारण शिक्षकों तक को यहां ड्यूटी पर लगाने की नौबत आ चुकी है।
खैरना/क्वारब में रोक दिए जा रहे ट्रक चालक
वहीं इस सबके बीच इसका सबसे ज्यादा खामियाजा ट्रक चालकों को भुगतना पड़ रहा है। इन ट्रकों को सुबह से ही क्वारब व खैरना पर रोक दिया जाता है। ट्रक चालकों का कहना है कि उन्हें ऐसी जगह रोका जाता है, जहां एक अदद दुकान या रेस्टोरेंट तक नहीं हैं। जिस कारण उन्हें खाने के लिए कोई होटल उपलब्ध नहीं हो पाता। यहां तक कि पीने के पानी तक के लिए उन्हें कोसी नदी जाना पड़ता है। दिन भर वह तपती धूप में रहते हैं, शाम 5 बजे छोड़ते हैं।
इधर तमाम जागरुक नागरिकों का भी यही कहना है कि सरकार को आम जनता की परेशानियों को समझते हुए यहां अनियंत्रित भीड़ को रोकना चाहिए। बाहर से आने वाले लोगों की सुविधा के लिए अल्मोड़ा—हल्द्वानी हाईवे से गुजरने वाले यात्रियों को परेशान करना, उन्हें घंटों खड़े करवा देना, बार—बार रुट डायवर्ट करवाना कतई उचित नहीं है।