हल्द्वानी। लॉक डाउन के दौरान बेरोजगारी के आलम में दिल्ली से घर लौटने के बाद अवसाद का शिकार होने पर अपने तीन बच्चों और दो बैलों को जहर देने के बाद खुद भी विषपान कर लेने वाले व्यक्ति की मौत हो गई है। महिपाल सिंह नामक इस 38 वर्षीय व्यक्ति ने हल्द्वानी के बेस चिकित्सालय में कल देर सायं दम तोड़ दिया। जबकि अल्मोड़ा के बजवाड़ क्षेत्र के सराईखेत निवासी महिला के तीनों बच्चों अभी भी मौत से जंग जिनंगी की जंग लड़ रहे हैं। उसके दोनों बैलों की पहले ही मौत हो चुकी है।
महिला पाल की पत्नी नौकरी करने के लिए दिल्ली चली गई थी और वह तब से बच्चों के साथ घर पर अकेला ही रह गया था। अपने बड़ा भाई चंद्रपाल से उसका पहले ही बंटवारा हो चुका था। उसके हिस्से में कुछ जमीन और बैलों की एक जोड़ी आई थी। बच्चों के साथ जहर खाने से पहले महिपाल ने इन्हीं बैलों को जहर दिया था।
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जहर खाने के कारण बच्चों के उल्टी करने से पड़ोस में रहने वाले चंद्रपाल की पत्नी की नींद टूटी और वह महिपाल के घर पहुंच गई। जहां महिपाल का छोटे बेटे यशपाल ने
बताया कि खाना खाने के बाद पापा ने उन्हं कुछ कड़ी दवाई के साथ एक एक गोली पिलाई थी। उसने बेहोश होने से पहले यह भी बताया कि खाना खाने के बाद महिपाल ने उन्हें खूब प्यार किया था और यह भी कहा था कि यह हमारी आखिरी रात है। इसके बाद यशपाल बेहोश हो गया। महिपाल की भाभी ने तुरंत अपने पति को घटना की जानकारी दी। इसके बाद चंद्रपाल ने गांव में फोन करके लोगों को इकट्ठा किया। और चारों को लेकर रामनगर चिकित्सालय पहुंचे जहां से उन्हें हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। लेकिन कल शाम यहां महिपाल ने दम ताड़ दिया।
उधर राजस्व पुलिस की टीम बजवाड़ के सराईखेत गांव में पहुंच कर मामले की छानबीन में जुट गई है।