अल्मोड़ा 25 अगस्त। पिछले दिनों यहां यथासमय इलाज नहीं मिलने से हुई गर्भवती की मौत के मामले में उत्तराखंड लोक वाहिनी भी मुखर है। वाहिनी ने कहा है कि हवालबाग ब्लाक के कटारमल गांव निवासी 5 माह की गर्भवती आशा देवी की यथासमय आक्सीजन नहीं मिलने से मौत हो गई। कोरोना जांच के नाम पर महिला को दिनभर अस्पतालों के चक्कर काटने पड़े और आखिर में दुखद घटना घटी। उत्तराखंड लोक वाहिनी ने पुरजोर मांग की है कि बिना किसी राजनीतिक दबाव के दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए।
उत्तराखंड लोक वाहिनी के जिलाध्यक्ष एड. जगत रौतेला ने कहा है कि जहां एक तरफ प्रभावशाली व्यक्तियों के लिए तुरंत कोरोना का रैपिड टेस्ट की जांच सुविधा है। वहीं दूसरी तरफ गरीब जनता के लिए किसी हद तक सुविधा नहीं। जो बेहद अन्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा कि गर्भवती आशा देवी का तुरंत कोरोना का रैपिड टेस्ट अस्पताल में होना चाहिए था, लेकिन उसे जबर्दस्ती बेस अस्पताल भेजा गया, जबकि उस वक्त वह सांस की गंभीर दिक्कत का सामना कर रही थी। उन्होंने कहा कि इस मामले में वह प्राइवेट अस्पताल भी बराबर का ही दोषी है, जिसने कोरोना के नाम पर आशा देवी का इलाज करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड लोक वाहिनी मांग करती है कि सभी अस्पतालों का समय-समय पर निरीक्षण किया जाए, चाहे वह सरकारी अस्पताल हो या प्राइवेट। स्वास्थ्य के नाम पर गरीब जनता से लूट—खसोट बदस्तूर जारी है। जिसे रोका जाना चाहिए। इस घटना में लिप्त संबंधित डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उत्तराखंड लोक वाहिनी ने मांग की है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए
अल्मोड़ा : गर्भवती की मौत पर लोक वाहिनी गंभीर, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
अल्मोड़ा 25 अगस्त। पिछले दिनों यहां यथासमय इलाज नहीं मिलने से हुई गर्भवती की मौत के मामले में उत्तराखंड लोक वाहिनी भी मुखर है। वाहिनी…