सीएनई रिपोर्टर, नैनीताल
साल 2019 में अपनी मां का सर दराती से धड़ से अलग कर उसकी हत्या करने के आरोपी घोर कलयुगी पुत्र को न्यायालय ने मौत की सजा सुना दी है। उसे दस हजार का अर्थदंड जमा करना होगा, जिसे जमा नहीं किये जाने पर एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
मिली जानकारी के अनुसार प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रीतू शर्मा की अदालन ने अपने फैसले में आरोपी बेटे को आईपीसी की धारा 302 में दोषी पाते हुए मृत्युदंड और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड जमा नहीं करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं जानलेवा हमले की धारा 307 के आरोप में आजीवन कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है, अर्थदंड जमा नहीं करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, उदयपुर, गौलापार चोरगलिया (हल्द्वानी) निवासी डिगर सिंह कोरंगा ने ही अपनी मां जोमती देवी की घर पर दराती से हत्या कर दी थी। उसने जोमती देवी का सिर धड़ से अलग कर दिया गया था। बीच—बचाव में आये अन्य लोगों पर भी कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला किया था। इस मामले में पुलिस ने डिगर सिंह कोरंगा को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने 12 गवाह पेश किए। इनमें अभियुक्त के पिता, बहू एवं पड़ोसी शामिल रहे। बहस के दौरान कहा गया कि वादी उदयपुर निवासी सोबन सिंह ने सात अक्तूबर 2019 को थाना चोरगलिया में अपने बेटे डिगर सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने 12 गवाह पेश किए। इनमें अभियुक्त के पिता, बहू एवं पड़ोसी भी शामिल रहे।