उप्र. के लखनऊ से एक बेहद दर्दनाक हादसे की खबर सामने आ रही है। यहां कोरोना संक्रमित पिता—पुत्र की की होम आइसोलेशन में ही मौत हो गई, जबकि पत्नी को गम्भीर हालत में अस्पताल भर्ती कर दिया गया है। सबसे दु:खद बात यह है कि इन लोगों की मौत कई रोज पहले हो गई थी, लेकन एकमात्र जीवित बची दिव्यांग पत्नी, जो चल नही सकती की चीख पुकार सुनकर भी कोई इनकी मदद को नही आया। घटना का पता तब चला कि जब इनके घर से शवों के सड़ जाने बदबू आने लगी।
यह मामला है लखनऊ के कृष्णानगर थाना क्षेत्र के कानपुर रोड स्थित एलडीए कालोनी डी-1 का। यहां दिव्यांग अरविंद गोयल (60) और उनका 25 वर्षीय बेटे आशीष गोयल, जबकि एकमात्र दिव्यांग पत्नी जीवित बच पाई है। प्रभारी निरीक्षक कृष्णा नगर महेश दुबे बताया कि कानपुर रोड एलडीए कॉलोनी के मकान नंबर 215 में अरविंद गोयल अपने परिवार के साथ रहते थे। परिवार में पत्नी और 25 साल का बेटा आशीष गोयल है। पुलिस के मुताबिक, आशीष मानसिक रूप से कमजोर था। वहीं अरविंद गोयल और उनकी पत्नी दिव्यांग थे।
शनिवार देर शाम करीब आठ बजे पुलिस कंट्रोल रूम में सूचना मिली कि मकान नंबर 215 से काफी बदबू आ रही है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा, तो अंदर अलग-अलग कमरों में पिता और पुत्र के शव पड़े मिले। पड़ोसी बताते हैं कि अरविंद गोयल के परिवार को किसी ने घर के बाहर नहीं देखा था। इनसे मिलने मृतक अरविंद की मां कभी कभार यहां आती थी, लेकिन कई दिनों से उसको भी नही देखा गया है।
पड़ोसियों ने बताया कि अरविंद की पत्नी चलने-फिरने में असमर्थ हैं। वह घर से बाहर नहीं निकलती हैं। अक्सर अरविंद और उनका बेटा ही बाहर निकलता था। चार दिनों से लोग घर से बाहर नहीं दिखे और शनिवार दोपहर से बदबू आ रही थी। संदेह हुआ तो पुलिस को सूचना दी गई। चार दिनों से दिव्यांग मां, अपने बेटे और पति के शव के साथ घर में ही कैद रही। इधर प्रभारी निरीक्षक महेश दुबे ने बताया कि यह परिवार कोरोना संक्रमित था तथा होम आइसोलेशन में था।