Wednesday, April 16, 2025
HomeUttarakhandAlmoraसंस्कृति महत्वपूर्ण और जीवन जीने का तरीकाः कुलपति

संस्कृति महत्वपूर्ण और जीवन जीने का तरीकाः कुलपति

एसएसजे परिसर अल्मोड़ा का तीन दिनी सांस्कृतिक समारोह का आगाज
झांकियों ने मन मोहा, मनमोहक प्रस्तुति ने बटोरी दर्शकों की तालियां

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाः सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा के सांस्कृतिक समारोह ‘उद्भव’ का आज आगाज हो गया है। इस तीन दिनी सांस्कृतिक समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. जगत सिंह बिष्ट व अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर मुख्य अतिथि ने कहा कि संस्कृति हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है और संस्कृति जीवन जीने का तरीका है। इस मौके पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की मनमोहक श्रृंखलाबद्ध प्रस्तुतियां कलाकारों ने दी।

समारोह का शुभारंभ संगीत विभाग के विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना व स्वागत गीत प्रस्तुत कर किया। इससे पहले बैज अलंकरण कर एवं प्रतीक चिह्न देकर मुख्य अतिथि व अन्य अतिथियों का अभिनंदन किया गया। महोत्सव की संयोजक प्रो. इला साह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए उद्भव सांस्कृतिक महोत्सव की रुपरेखा प्रस्तुत की। इस मौके पर सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के कुलपति प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने कहा कि विश्वविद्यालय के उद्भव सांस्कृतिक समारोह का आयोजन सुखद है। उन्होंने कहा कि संस्कृति हमारी वर्षों की जमा पूंजी है। संस्कृति हर व्यक्ति, समाज और राष्ट्र का सम्यक दर्शन है। इसलिए संस्कृति के संरक्षण के लिए ऐसे आयोजन महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि 03 दिनों में अपने अभिनय से कलाकार अपनी संस्कृति को बखूबी प्रकाश में लायेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए परिसर निदेशक प्रो. प्रवीण सिंह बिष्ट ने कहा अल्मोड़ा नगरी में हमेशा सांस्कृतिक नगरी को बढ़ावा मिला है। एसएसजे परिसर अल्मोड़ा भी रंगमंच के लिए कई कलाकारों को दे चुका है।

इस सांस्कृतिक समारोह के कार्यक्रमों की श्रृंखला में पहले रोज सोमवार को कला, विज्ञान, दृश्यकला, शिक्षा, विधि संकाय के छात्र-छात्राओं ने सुंदर झांकियां निकाली और दर्शकों का मन मोहा। संकायों ने गौरा महेश्वर, हिल जात्रा, झोड़ा, उत्तराखंड की संस्कृति को उजागर करती झांकियां प्रस्तुत की। इसके अलावा कुमाउनी झोड़ा, कृषि कार्यों को लोक नृत्यों में पिरोकर रंगारंग प्रस्तुतियां देकर कलाकारों ने दर्शकों की तालियां बटोरी। विभिन्न संकायों की लोक नृत्य प्रतियोगिता में झोड़ा, चांचरी की शानदार प्रस्तुति दी गयी। संगीत विभाग की छात्राओं ने उत्तराखंड की संस्कृति पर खास प्रस्तुति दी।

महोत्सव का संचालन डॉ. संजीव आर्या एवं डॉ. दीपक टम्टा ने संयुक्त रुप से किया। इसमें रंगकर्मी एवं साहित्यकार त्रिभुवन गिरी महाराज, लोकगायक एवं रंगकर्मी दीवान सिंह कनवाल ने लोकनृत्य और डॉ. संगीता पवार व डॉ. प्रज्ञा वर्मा ने झांकी निर्णायक की भूमिका निभाई। खास अतिथियों में सत्र के अध्यक्ष प्रो. प्रवीण सिंह बिष्ट, कांग्रेस जिलाध्यक्ष गुड्डू भोज, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. इला साह, कुलसचिव प्रो. इला बिष्ट, परीक्षा नियंत्रक प्रो. गिरीश चन्द्र साह, प्रो. शेखर चंद्र जोशी शामिल रहे। समारोह में सांस्कृतिक सचिव नितिन रावत समेत बड़ी संख्या में प्राध्यापक, कर्मचारी व छात्र-छात्राएं शामिल रहीं।

RELATED ARTICLES

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments