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Punjab News| कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अगुवाई में पंजाब (Punjab) में चल रही भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उनके साथ चले रहे जालंधर से सांसद संतोख सिंह (Santosh Singh) का निधन हो गया। वह यात्रा में राहुल गांधी के साथ चल रहे थे। इस मामले में ताजा अपडेट यह है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी संतोख सिंह के आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे।
बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ चल रहे संतोष सिंह को हार्ट अटैक आ गया। हालात, बिगड़ता देख तुरंत उनको फगवाड़ा के विर्क अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां पर उनका कुछ देर इलाज चला, मगर वो जिंदगी की जंग हार गए। बताया गया है कि संतोख सिंह की हार्ट अटैक की वजह से देहांत हुआ। उन्हें हार्ट अटैक के बाद फगवाड़ा के एक निजी हस्पताल में लाया गया था लेकिन तब तक उनका देहांत हो गया। इससे पहले संतोख सिंह की हालत बिगड़ने पर राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा को रोकते हुए उन्हें तुरंत अस्पताल के लिए रवाना किया। अस्पताल के लिए रवाना करने के बाद उनकी मौत हो गई है। ताजा जानकारी यह है कि राहुल गांधी संतोख सिंह को श्रद्धांजलि देने उनके आवास पर पहुंचेंगे। जालंधर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर 2014 और 2019 में चुनाव जीते थे।
सीएम भगवंत सिंह मान ने जताई गहरी संवेदना
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान जालंधर से कांग्रेस के सांसद संतोख सिंह चौधरी के असामयिक निधन पर गंभीर संवेदना जाहिर की है। सीएम मान ने अपने ट्विट में लिखा है – ‘मुझे उनके निधन पर गहरा दुख हुआ है. भगवान, उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें’।
पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह ने संतोख सिंह के आकस्मिक निधन पर कहा है कि यह सुनकर अत्यंत दुख हुआ। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके पूरे परिवार के साथ हैं। वाहेगुरु जी दिवंगत आत्मा को चिर शांति प्रदान करें।
कौन थे चौधरी संतोख सिंह
संतोख सिंह चौधरी पंजाब के जालंधर एससी सीट से कांग्रेस सांसद थे। वह लांधरा हाउस, नूर महल रोड, फिल्लौर, जालंधर, पंजाब के रहने वाले थे। उन्होंने बीए, एलएलबी की डिग्री हासिल की थी। संतोख जालंधर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर 2014 और 2019 में चुनाव जीते थे। संतोख सिंह चौधरी ने 1978 में अपना राजनीतिक सफर पंजाब युवा कांग्रेस नेता के तौर पर शुरू किया। 1978 से 1982 तक वह पंजाब युवा कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रहे। 1987 से 2995 तक जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के अध्यक्ष बने। 1992 में पहली जीत दर्ज करने के बाद पंजाब कांग्रेस विधायक दल के महासचिव के रूप में चुने गए। 1992 से 1995 तक ग्रामीण विकास और पंचायतों के प्रभारी, संसदीय कार्य और विद्युत विभाग के मुख्य संसदीय सचिव बने। बाद में उन्हें पंजाब सरकार में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री, कैबिनेट मंत्री रहे।
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