केंद्र पर लगाया ‘गांधी’ का नाम मिटाने का आरोप
CNE REPORTER, बागेश्वर: केंद्र सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का नाम बदलकर ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एवं आजीविका मिशन’ किए जाने के प्रस्ताव पर कांग्रेस ने तीखा विरोध दर्ज कराया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह केवल नाम परिवर्तन नहीं, बल्कि योजना से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाने और ग्रामीण बेरोजगारों के कानूनी अधिकारों को खत्म करने का एक बड़ा षडयंत्र है।
बुधवार को जिला अध्यक्ष अर्जुन भट्ट के नेतृत्व में भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता स्वराज भवन में एकत्रित हुए। यहाँ गांधी मूर्ति के समक्ष धरने पर बैठकर कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि:
- गांधी विरोधी मानसिकता: केंद्र सरकार सुनियोजित तरीके से महापुरुषों के नाम योजनाओं से हटा रही है।
- हक छीनने की साजिश: नए बिल के प्रावधानों से ग्रामीण क्षेत्रों के मजदूरों को मिलने वाली रोजगार की कानूनी गारंटी खतरे में पड़ जाएगी।
- योजना बंदी का डर: कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार धीरे-धीरे मनरेगा जैसी लोक कल्याणकारी योजना को पूरी तरह बंद करने की राह पर है।
विरोध प्रदर्शन में ये रहे मौजूद
इस प्रदर्शन में पूर्व विधायक हरीश ऐठानी, गोविंद बिष्ट, भगवत डसीला, लोकमणि पाठक, सुनील भंडारी, महेश पंत, रमेश चंद्र, प्रेम राम, बहादुर बिष्ट, ईश्वर पांडेय, विनोद पाठक, राजेंद्र टंगड़िया, बालकृष्ण और मुन्ना पांडेय सहित कई वरिष्ठ कार्यकर्ता शामिल रहे। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि इस फैसले को वापस नहीं लिया गया, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।

