अल्मोड़ा नगर की कई समस्याओं को लेकर समिति चिंतित

✍️ सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारी कल्याण समिति ने उठाई दिक्कतों के निदान की मांग सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारी कल्याण समिति अल्मोड़ा नगर में कई…

अल्मोड़ा नगर की कई समस्याओं को लेकर समिति चिंतित

✍️ सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारी कल्याण समिति ने उठाई दिक्कतों के निदान की मांग

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारी कल्याण समिति अल्मोड़ा नगर में कई समस्याओं के व्याप्त रहने से चिंतित है। समिति की यहां नगरपालिका सभागार में आयोजित मासिक बैठक में यही समस्याएं छाई रहीं और इनकी तरफ प्रशासन व विभागों द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की गई। बैठक में चर्चा के साथ ही इन समस्याओं के निदान की पुरजोर मांग उठाई गई।

बैठक में समस्याओं पर चर्चा करते हुए जाखनदेवी सड़क में सीवर लाइन बिछाने और सुधारीकरण कार्य में देरी पर नाखुशी जाहिर की गई। साथ ही कहा गया कि सड़क पर चल रहे कार्य के चलते कलमटों को मिटृी पत्थरों से भर दिए जाने से बारिश में समस्या पैदा हो गई है। सड़क को आवाजाही के लिए शीघ्र दुरुस्त करने व कलमटों को खोलने की मांग उठाई गई। वक्ताओं ने कहा कि पहली बारिश में ही अल्मोड़ा नगर की पेयजल व्यवस्था की पोल खोल दी है। हर बार कोसी नदी में गाद व सिस्ट भरने की समस्या पेयजलापूर्ति पर भारी पड़ती है। उन्होंने कहा ​कि समस्या का स्थाई समाधान किया जाए। इसके अलावा नगर में किन्नरों की मनमानी को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा गया कि उनके द्वारा घर—घर में बच्चे के जन्म व शादी ब्याह के वक्त मनमानी धनराशि मांगी जा रही है। इसके लिए ​रेट निर्धारित होना चाहिए।

इसके अलावा नगर में वरिष्ठ नागरिकों व पर्यटकों के बैठने के लिए व्यवस्था करने की मांग उठाई। बैठक में नैनीताल से हाईकोर्ट को अन्यत्र शिफ्ट करने का विरोध किया गया। इसके अलावा शहर में रसोई गैस की होम डिलीवरी शुरू कराने, नगर के कर्बला, धारानौला व पांडेखोला सड़क मार्गों में ई—रिक्शा संचालित करने तथा चीनाखान क्षेत्र में अराजकता पर लगाम लगाने के लिए पुलिस गश्त बढ़ाने की मांग की गई। बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष डा. पीसी जोशी व संचालन सचिव आरपी जोशी ने किया। जिसमें हरीश लाल गंगा सिंह, एमबी साह, एमडी कांडपाल, एनसी जोशी, एएस कार्की, मोहन सिंह रावत, मोहन चंद्र पांडे, गणेश सिंह बिष्ट, विशन सिंह बिष्ट, रमेश चंद्र पंत आदि ने विचार रखे।

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