मुख्यमंत्री योगी के छोटे भाई का हुआ प्रमोशन, शैलेंद्र बिष्ट बने सूबेदार मेजर

देहरादून | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के छोटे भाई शैलेंद्र बिष्ट का भारतीय सेना में प्रमोशन हो गया है।…

मुख्यमंत्री योगी के छोटे भाई का हुआ प्रमोशन, शैलेंद्र बिष्ट बने सूबेदार मेजर

देहरादून | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के छोटे भाई शैलेंद्र बिष्ट का भारतीय सेना में प्रमोशन हो गया है। उनके छोटे भाई शैलेंद्र गढ़वाल रेजिमेंट में तैनात हैं और अब सूबेदार मेजर बन गए हैं। मुख्यमंत्री योगी के परिवार में खुशी का माहौल है।

वर्तमान में वह गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर लैंसडाउन में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सूबेदार मेजर पद पर प्रमोट हुए शैंलेन्द्र सिंह बिष्ट का पद गढ़वाल रेजिमेंट में सर्वोच्च गैर-कमीशन अधिकारी रैंक है। सूबेदार मेजर बने शैलेंद्र सिंह बिष्ट इससे पहले उत्तराखंड में चीन सीमा से लगने वाले माणा में तैनात थे।

भारतीय सेना की गढ़वाल स्काउट यूनिट पहाड़ी सीमाओं की रक्षा के लिए सैनिकों के रूप में सेवा करने के लिए विशेष रूप से स्थानीय व्यक्तियों की भर्ती करती है। विपरीत दिशा में स्थित चीनी सेनाओं द्वारा घुसपैठ के बढ़ते खतरों के कारण ये सीमाएं अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाई (Shailendra Bisht) ने कुछ साल पहले बताया था कि वह बचपन से ही देश की सेवा में जाना चाहते थे। इसीलिए वे स्काउट गाइड में शामिल हुए थे। बाद में उन्होंने अपने सपने को साकार भी किया।

बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पूरा परिवार साधारण जिंदगी गुजर-बसर करता है। योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट एक फॉरेस्ट रेंजर थे और उनकी माता सावित्री देवी गृहणी हैं। योगी आदित्यनाथ चार भाई और तीन बहनों में दूसरे नंबर पर हैं।

उनकी एक बहन शशि पयाल पौड़ी गढ़वाल में माता भुवेश्वरी देवी मंदिर के पास चाय-नाश्ते की दुकान चलाती हैं। इस बात से पता चल सकता है कि उनका और परिवार का जीवन कितना साधारण है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी अपने परिवार से बहुत कम मिलते हैं। उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले एक छोटे से गांव पंचूर में हुआ था। योगी आदित्यनाथ 1993 में गोरखपुर आ गए थे। 21 साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़ दिया था। कोरोना की वजह से वो पिता के अंतिम संस्कार में भी नहीं जा पाए थे। हालांकि, पिछले साल वो उत्तराखंड स्थित अपने घर गए थे। जहां वो मां, बहनों और दूसरे परिजनों से मिले थे।

हल्द्वानी की शैली शरण यूपी में बनेंगी जज – Click Now
कढ़ाई में इस तरह बनायें स्वादिष्ट वेज पुलाव Click Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *