नैनीताल। सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को अपने एक दिवसीय नैनीताल भ्रमण के दौरान नैनीझील में एक करोड़ की लागत से यूनडीपी के सहयोग से स्थापित दिव्य नैनीझील जल गुणवत्ता आंकलन प्रणाली का लोकापर्ण वैदिक मंत्रों के बीच किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि नैनीझील अपनी प्राकृतिक सुन्दरता के लिए दुनिया भर में जानी जाती है व सदैव से ही पर्यटकों को आकर्षित करती रही है। उन्होंने कहा नैनीझील हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक अभिन्न अंग है। उन्होंने जिला प्रशासन व यूएनडीपी को इस अभिनव पहल के लिए बधाई दी साथ ही उन्होंने सभी से नैनीझील को स्वस्थ व स्वच्छ रखने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि जल गुणवत्ता प्रणाली जल संरक्षण के साथ ही जल की निर्मलता बनाये रखेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रदेश की नदियों, झीलों तालाबों और जल स्रोतों को पुर्नजीवित करने के लिए व्यापक जन अभियान शुरू किया गया है, जिसमें सफलता मिली है। कोसी, गगास, रिस्पना, शिप्रा में व्यापक वृक्षारोपण किया गया है। सौंग व जमरानी बांध बनने से 125 करोड की बिजली बचत होगी। उन्होंने कहा अल्मोड़ा में तडागताल पुर्नजीवन एवं संरक्षण हेतु 10 करोड रूपये जारी कर दिये गये है।
रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड प्रदेश पर्यटन प्रदेश है। यहां अतिथि देव भवः के साथ ही स्थानीय उत्पाद व स्थानीय भोजन को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में होम स्टे को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 2200 होम स्टे संचालित है इनको और बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय शिल्प को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार ने आवास नीति के तहत स्थानीय शिल्प में बनाये जा रहे भवन में एक और मंजिल बनाने की स्वीकृति दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नैनीताल में एसटीपी व पार्किंग को बनाये जाने हेतु स्वीकृति दे दी गई है। बलिया नाले पर अल्पकालीन व दीर्घकालीन दोनों योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा रैमजे चिकित्सालय को पीपीपी मोड पर चलाये जाने हेतु शीघ्र विज्ञप्ति जारी की जायेगी ताकि यहां की जनता व आने वाले पर्यटको को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें मिल सके।
क्षेत्रीय विधायक संजीव आर्य ने जनपद आगमन पर मुख्यमंत्री का धन्यवाद अदा करते हुए जिला प्रशासन द्वारा किये जा रहे कार्यो की तारीफ की। उन्होंने सरकारी द्वारा किये जा रहे विकास कार्यो की विस्तृत जानकारी देते हुए ऐतिहासिक रैमजे चिकित्सालय नैनीताल को पीपीपी मोड पर चलाने की मांग रखी ताकि जनता व पर्यटकों को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें मिल सके। उन्होंने बताया कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें प्रदान करने हेतु प्रदेश में सरकार द्वारा 720 चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया गतिमान हैं। उन्होंने बताया कि नारायण नगर में पार्किंग हेतु 25 बीघा भूमि आवंटित हो चुकी है साथ ही रानीबाग से हनुमानगढ़ी रोपवे का प्रस्ताव भी गतिमान है।
अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि जल गुणवत्ता के सत्त मापन हेतु मल्लीताल पम्प हाउस तथा तल्लीताल एरियेसन प्लांट में एक-एक प्रोटियएस सेंसर स्थापित किये गये है। जिनसे झील के पानी की गुणवत्ता सम्बन्धित आंकणों को तल्लीताल डांठ महात्मां गांधी के मूर्ति के समीप एलईडी स्क्रीन पर आम जनमानस के लिए प्रसारित किया गया है। इससे झील की गुणवत्ता सम्बन्धित आंकडों के सत्त प्रदर्शन से स्थानीय लोगों एवं पर्यटकों को नैनीझील को स्वच्छ रखने हेतु जागरूकता बढेगी। बंसल ने कहा जल गुणवत्ता के विस्तृत आंकडों एवं चेतावनी एसएमएस एवं मोबाइल ऐप द्वारा लोगों को प्रसारित की जायेगी। उन्होंने कहा इन सेन्सरों द्वारा बायो कैमिकल आक्सीजन डिमांड, टोटल आर्गेनिक कार्बन, डिजाल्व आर्गेनिक कार्बन, प्रेशर क्लोराइड, पीएच टैम्फ्टर, नाइट्रेट टरबीटीटी, कू्रडआयल आदि तत्वों से परिणामों का पता चलेगा। इस प्रणाली से नैनीझील के अन्तर्जलीय वनस्पति एवं जीव जन्तुओं हेतु अनुकूल पर्यावरण विकास एवं प्रबन्धन करते हुए झील का संरक्षण किया जा सकेगा।
कार्यक्रम में यूएनडीपी की डॉ. रूचि पंत, पार्थ जोशी, विनी मुंजाल, सीईओ बसार लैब लक्ष्मी प्रसाद पुट्टा, अध्यक्ष जिला पंचायत बेला तोलिया, दर्जा मंत्री प्रकाश हरर्बोला, पीसी गोरखा, ओएसडी मुख्यमंत्री अभय रावत, जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता प्रकाश रावत, मंडल अध्यक्ष आनन्द सिह बिष्ट, दयाकिशन पोखरिया, मनोज जोशी, गोपाल रावत, कुन्दन बिष्ट, आयुक्त अरविन्द सिह हृयांकी, आइजी अजय रौतेला, एसएसपी सुनील कुमार मीणा, जीएम केएमवीएम अशोक जोशी, उपजिलाधिकारी विनोद कुमार अनुराग आर्य आदि मौजूद थे।
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