Almora Breaking: नाबालिग बच्चों पर लीसा डालने से बाल कल्याण समिति गंभीर
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⏩ गुरना गांव में बच्चों के सिर पर डाला था लीसा
⏩ कार्रवाई के लिए डीएम व एसएसपी को लिखा पत्र
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोडा़
स्याल्दे तहसील के टिटरी ग्राम पंचायत के गुरना गांव में जंगल गए पांच मासूम बच्चों पर लीसा डालने की घटना को बाल कल्याण समिति ने गंभीरता से लिया है। समिति ने इसे बर्बरता और निर्दयतापूर्ण कृत्य की संज्ञा देते हुए कड़ी निंदा की है। साथ एसएसपी को पत्र लिख मामले की जांच करा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। बाल कल्याण समिति ने जिलाधिकारी और डीएलएसए को भी पत्र लिखा है।
मामला संज्ञान में आते ही समिति इस कृत्य को गंभीर माना और पत्र लिखे। पत्रों में कहा है कि जिन पांच बच्चों पर लीसा डाला है, वे बच्चे नाबालिग हैं और उनके साथ ऐसा बर्ताव किया जाना निंदनीय और शारीरिक हिंसा की श्रेणी में आता है। समिति ने कहा कि नाबालिग बच्चों के साथ शारीरिक हिंसा बाल अधिकार और किशोर न्याय अधिनियम का भी उल्लंघन भी है। समिति ने इस पर कार्यवाही की जानी चाहिए। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रघु तिवारी ने कहा कि बच्चों के साथ जो दुर्व्यवहार किया गया है, वह निंदनीय है। ऐसी घटनाओं को बर्दास्त नहीं किया जाना चाहिए और प्रशासन को भी ऐसे मामलों को गंभीरता से लेना होगा ताकि बालहित में एक सौहार्दपूर्ण वातावरण का निर्माण किया जा सके।
यह था शर्मनाक घटनाक्रम
स्याल्दे तहसील के ग्राम पंचायत टिटरी में मवेशियों को चराने जंगल गए बच्चों ने शरारत में लीसा ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा निकाले जा रहे लीसा के कुप्पों को फेंक दिया था। इस बात पर ठेकेदार के कर्मचारियों का पारा चढ़ गया। आरोप है कि कर्मचारी बच्चों को उनके घर से पकड़कर लीसा डीपो लाए। फिर उन्होंने लीसा के कुप्पे बच्चों के सिर पर रखवा दिये। इस मामले का एक वीडियो भी वायरल हुआ है। जिसमें दिख रहा है कि 05 मासूम बच्चों को बुरी तरह धमकाया जा रहा है। बच्चे गिड़गिड़ा रहे हैं कि उनकी आंखों में जलन हो रही है। इसके बावजूद कर्मचारियों को उन पर दया नहीं आयी। बताया जा रहा है लीसा के कारण कुछ बच्चों की आंख पर सूजन भी आ गई है।