नई दिल्ली | केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने स्कूलों को चेतावनी दी है कि वे एक अप्रैल से पहले नया एकेडमिक सेशन शुरू नहीं करें। बोर्ड ने कहा है कि इससे स्टूडेंट्स में चिंता और थकान पैदा होने का खतरा है। CBSE की यह चेतावनी कई स्कूलों में खासकर कक्षा 10वीं और 12वीं के एकेडमिक सेशन शुरू होने के बाद आई है।
CBSE सचिव अनुराग त्रिपाठी ने आदेश में कहा, यह देखा गया है कि कुछ स्कूलों ने अपना एकेडमिक सेशन बहुत जल्दी शुरू कर दिया है जिससे कम समय में पूरे साल का सिलेबस पूरा कर लिया जाए। लेकिन इससे स्टूडेंट्स में थकान पैदा होने का खतरा है। इससे उनमें चिंता और बर्नआउट पैदा हो सकता है।
एक्स्ट्रा क्यूरिकुलर एक्टीविटीज के लिए समय नहीं मिल पाता
बोर्ड ने नोट किया है कि एकेडमिक सेशन समय से पहले शुरू करने से स्टूडेंट्स को एक्स्ट्रा क्यूरिकुलर एक्टीविटीज जैसे कि वैल्यू एजुकेशन, लाइफ स्किल्स, हेल्थ, फिजिकल एजुकेशन और कम्यूनिटी सर्विस के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता है। ये सभी एक्टीविटीज एकेडमिक्स के समान ही महत्वपूर्ण हैं। बोर्ड से जुड़े स्कूलों के प्रिंसिपल्स और संस्थानों के प्रमुखों को सलाह दी जाती है कि वे नया एकेडमिक सेशन शुरू न करें। एकेडमिक सेशन 1 अप्रैल से 31 मार्च तक रहता है। इसका सख्ती से पालन करें।
10वीं और 12वीं की अभी बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं
CBSE की कक्षा 10वीं और 12वीं की अभी बोर्ड परीक्षाएं चल रही हैं। दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हुईं हैं। कक्षा 10वीं की परीक्षाएं 21 मार्च को और कक्षा 12वीं की 5 अप्रैल को समाप्त होंगी।
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