UP News | बदायूं के समरेर से फरीदपुर को जोड़ने के लिए बनाए गए रामगंगा के अधूरे पुल ने तीन लोगों की जान ले ली। बताया जा रहा है कि गूगल मैप से लोकेशन देखकर जा रहे सिक्योरिटी कंपनी के तीनों कर्मचारियों की कार रविवार तड़के बदायूं की ओर से चढ़कर पुल के नीचे गिर पड़ी। इससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। सुबह जानकारी पर दो जिलों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। नाव से शव लाकर फरीदपुर पुलिस ने शवों का पंचनामा कराया है।
रविवार सुबह खल्लपुर गांव के लोग रामगंगा किनारे खेतों पर निकले तो उन्होंने दातागंज की ओर से अधूरे पुल के नीचे कार को पड़ा देखा। सूचना पर बरेली जिले के फरीदपुर व बदायूं के दातागंज की पुलिस पहुंच गई। सीओ फरीदपुर आशुतोष शिवम ने मौके पर जाकर जानकारी जुटाई तो घटनास्थल फरीदपुर क्षेत्र का ही निकला। तब फरीदपुर पुलिस जाकर शवों को नाव से ले आई। फरीदपुर इंस्पेक्टर राहुल सिंह ने मृतकों के पास मौजूद मोबाइल से जानकारी जुटाई तो फरीदपुर क्षेत्र से उनके रिश्तेदार पहुंच गए। तब शवों का पंचनामा भरना संभव हो सका।
गुरुग्राम की सिक्योरिटी कंपनी के कर्मचारी थे
पुलिस को कार से गुरुग्राम की सिक्योरिटी कंपनी का कार्ड मिला जिसमें विवेक कुमार को ऑपरेशन एक्जीक्यूटिव के तौर पर दिखाया गया था। बाद में फरीदपुर के पढ़ेरा गांव निवासी प्रमोद कुमार ने मृतकों की पहचान अपने साले नितिन कुमार (30) व अजीत कुमार (35) और अमित के रूप में की। इनमें फर्रुखाबाद के एत्मादपुर हीरामढ़ी निवासी नितिन और अजीत आपस में सगे चचेरे तहेरे भाई और सिक्योरिटी कंपनी के ड्राइवर बताए गए जबकि मैनपुरी के कुरावली निवासी अमित इनका साथी और रिश्तेदार बताया गया।
फरीदपुर में रविवार को थी शादी
मृतक अजीत और नितिन के घर वालों ने बताया कि तीनों दोस्त गुड़गांव से गूगल मैप पर रास्ते को देखकर आ रहे थे। गूगल मैप पर निर्माणाधीन पूल पर रास्ता साफ दिखाया जा रहा था, जबकि पुल का एक तरफ का एप्रोच रोड बना हुआ नहीं था। लगभग 50 फीट ऊपर से गाड़ी गिरी और तीनों की मौत हो गई। अगर प्रशासन और पीडब्ल्यूडी ने पुल के रास्ते को ठीक से बंद किया होता, तो शायद ये दुर्घटना न होती।
प्रमोद कुमार ने बताया कि नितिन के चचेरे भाई राजेश की बेटी की रविवार को फरीदपुर में शादी होनी है। इसी में शामिल होने के लिए यह लोग गुड़गांव से चले थे। बताया कि शनिवार रात भी इन्हें बदायूं जिले में कहीं और शादी में शामिल होना था इसलिए यह गुड़गांव से मुरादाबाद-बरेली के रास्ते न जाकर बदायूं के रास्ते फरीदपुर जा रहे थे।
सरकारी अराजकता के चक्कर में गई जान
तीनों लोग शार्टकट से फरीदपुर जाने को निकले थे। मोबाइल पर इन्होंने लोकेशन लगा रखी थी, जिसमें पुल पूरा बना दिखाई दे रहा था। बता दें कि दो साल पहले जब इस पुल का निर्माण हुआ तो रामगंगा ने कटान कर दिया और एप्रोच रोड पानी में बह गई। इसके बाद रामगंगा खिसककर फरीदपुर के खल्लपुर गांव की ओर बहने लगी। इससे पुल का काफी हिस्सा दोबारा बनाने की जरूरत महसूस होने लगी। शुरू में निर्माणदायी संस्था ने दातागंज की ओर से पुल के प्रवेश मार्ग पर दीवार बना दी थी जो बाद में टूट गई। इसके बाद से पुल पर सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया गया। स्थानीय लोगों को इस बारे में जानकारी थी पर बाहर से आने वाले वाहन चालकों को खतरा बना रहता है, इसी सरकारी अराजकता की वजह से तीन लोगों की जान चली गई।