जांच में पहुंची पुलिस के पास आने लगे नेताओं के फोन
मामले को रफा—दफा करने की सिफारिशें
सीएनई रिपोर्टर, हरिद्वार
काम के लिए किशोरी को अपने घर लेकर आये एक रसूददार और बड़ी राजनैतिक पहुंच वाले दंपत्ति ने उसे दो साल तक बंधक बनाकर रखा। इस दौरान उसके साथ मारपीट की जाती। उसके बाल भी जबरन काट दिये गये। किसी तरह किशोरी ने पड़ोस में रहने वाले लोगों को जब अपने शरीर पर हुए जख्म दिखा मदद की गुहार लगाई, तब कहीं जाकर पुलिस तक यह जानकारी पहुंच पाई।
किशोरी से मारपीट करने वाला दवा कारोबारी पुलिस की गिरफ्त में हैं, जबकि उसकी पत्नी की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है। बड़ी बात यह है कि इस दंपत्ति को बचाने के लिए कई नेताओं के फोन पुलिस के पास पहुंचे, जिनमें एक सत्ताधारी पार्टी का बड़ा नेता भी शामिल है।
दरअसल, यह मामला उत्तराखंड के हरिद्वार का है। ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत हरिलोक कालोनी के रहने वाले एक व्यक्ति ने शुक्रवार को पुलिस को फोन किया कि उनके पड़ोस में रहने वाले दवा कारोबारी शशांक पालीवाल और उसकी पत्नी शिप्रा पालीवाल द्वारा अपने आवास में एक किशोरी को बंधक बनाकर रखा गया है। जिससे वह घर का काम—काज करवाते हैं। किशोरी को अमानवीय यातनाएं दी जा रही हैं और उसके शरीर पर गहरे जख्म हैं।
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सूचना मिलने पर ज्वालापुर कोतवाली से एसआई सद्दाम शेख मौके पर पहुंचे। जिसके बाद किशोरी को पुलिस ने अपनी अभिरक्षा में ले लिया। पूछताछ में पता चला कि महिला का लखनऊ में मायका है और वहीं से वह किशोरी को लेकर आई थी। पुलिस पड़ताल में देखा गया कि किशोरी के शरीर में 12 जख्मों के निशान थे। जिससे पता चला कि उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। उस पर चोरी का झूठा आरोप भी लगाया गया। जिसके बाद कल्याण समिति ने किशोरी को देहरादून स्थित राजकीय बाल गृह (किशोरी) भेज दिया।
इसके बाद किशोरी के चाचा—चाची को भी लखनऊ से बुलवाया गया। उन्होंने बताया कि इस किशोरी के माता—पिता नहीं हैं और वही उसके केयर टेकर रहे हैं। जब भी वह मिलने आते थे यह पालीवाल दंपत्ति उनकी मुलाकात बिटिया से नहीं करवाता था। News WhatsApp Group Join Click Now
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मारपीट के आरोप में दवा कारोबारी शशांक पालीवाल को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि आरोपी की पत्नी शिप्रा की तलाश की जा रही है। जल्द ही वह भी गिरफ्तार कर ली जायेगी। किशोरी को बंधक बना घर में काम करवाने और मारपीट के आरोपी परिवार के रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब पुलिस उनके घर पहुंची तो पुलिस के पास सिफारिश के फोन लगातार आने शुरू हो गए।
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बताया जा रहा है कि एक सत्ताधारी पार्टी का बड़ा नेता भी मामले को रफा—दफा करने के लिए पुलिस को फोन करता रहा। इसके बावजूद पुलिस ने यहां पूरी ईमानदारी से अपना फर्ज निभाया और किसी सिफारिश को नहीं सुना। इस मामले में दंपती के खिलाफ जूवेनाइल एक्ट व मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। कोतवाल ज्वालापुर चंद्र चंद्राकर नैथानी ने कहा कि पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया है। किशोरी के साथ मारपीट के आरोपी दंपत्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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