Canada/C.N.E News Network – चीन की साम्राज्यवादी नीतियों और तानाशाही के खिलाफ कनाडा में आंदोलन चरम पर है। यहां वैंकूवर में तीसरी बार जोरदार ऐतिहासिक प्रदर्शन हुआ, जिसे बहु जातीय व बहु राष्ट्रीय प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। इस बार प्रदर्शनकारियों ने चीनी वाणिज्य दूतावास के निकट वैंकूवर आर्ट गैलरी तक विशाल रैली निकाली और अपना सशक्त विरोध दर्ज किया।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत कनाडा तिब्बत समिति और तिब्बती समुदाय, फ्रैंड्स आफ कनाडा एंड इंडियन एसोसिएशन, ग्लोबल पिनॉय डायस्पोरा कनाडा, वैंकूवर सोसायटी ऑफ़ फ़्रीडम, डेमोक्रेसी एंड ह्यूमन राइट्स फ़ॉर चाइना, वैंकूवर सोसायटी इन द सपोर्ट आफ डेमोक्रेटिव मूवमेंट (VSSDM), वैंकूवर उइघुर एसोसिएशन के नेतृत्व में बड़ी संख्या में नागरिकों ने हाथों में झंडे व बैनर लेकर वैंकूवर आर्ट गैलरी तक मार्च किया। प्रदर्शन में शामिल लोग चीन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य
की साम्राज्यवादी नीतियों की खिलाफत, हांगकांग व तिब्बत में नागरिकों के साथ किए जा रहे उत्पीड़नात्मक व्यवहार, भारतीय सैनिकों पर किए गए हमले, उइगर मुस्लिमों के मौलिक अधिकारों की रक्षा तथा दो कनाडियन मूल के नागरिकों की गिरफ्तारी की खिलाफत करना था। विरोध प्रदर्शन में मुख्य रूप से वह लोग शामिल थे, जिनकी पैतृक मूल चीन, हांगकांग, तिब्बत, शिनजियांग, भारत और फिलीपींस से जुड़ी रही हैं।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वह हांगकांग, तिब्बत में बीजिंग के कम्युनिस्ट शासन के उत्पीड़नात्मक रवैये की कड़ी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि चीन ने पूर्वी तुर्केस्तान पर कब्जा कर लिया, साथ ही भारत और फिलीपींस जैसे अपने पड़ोसी देशों के प्रति बीजिंग का रवैया बड़ा आक्राम रहा है। उन्होंने चीन में जासूसी के आरोप में पकड़े गए दो कनाडाई नागरिक माइकल कोरविग और माइकल स्पावर को भी तत्काल रिहा करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने चीन की कम्युनिस्ट सरकार से तत्काल तिब्बत व हांगकांग को भी मुक्त करने की मांग की। उन्होंने बीजिंग से मांग करी कि उन दस लाग उइगर मुस्लिमों के मौलिक मानवाधिकारों का सम्मान किया जाये, जिन्हें कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार से प्रेरित करने के लिए एकाग्रता शिविरों में हिरासत में रखा गया है।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वह उन 20 भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हैं, जो देश की सीमा की रक्षा के लिए चीनी सैनिकों से मुकाबला करते हुए शहीद हो गए थे। उन्होंने कहा कि वह चीन द्वारा कृत्रिम द्वीपों और सैन्य ठिकानों के एकतरफा निर्माण का विरोध करते हैं, जिससे फिलीपींस, वियतनाम और ताइवान सहित तमाम राष्ट्रों की संप्रभुता को खतरा है।
उन्होंने कहा कि यह चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ पहली बहु-राष्ट्रीय व बहु-जातीय रैली है। यहां यह उल्लेखनीय है कि कोविड—19 संक्रमण से सुरक्षा के तहत निश्चित संख्या में ही प्रदर्शनकारियों को आर्ट गैलरी तक आने दिया गया, अन्यथा प्रदर्शनकारियों की तादात हजारों में हो सकती थी।