✒️ जानिये, कौन हैं बागेश्वर की नव नियुक्त जिलाधिकारी अनुराधा पॉल
दीपक पाठक, बागेश्वर
”कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों”
आज हम आपको ऐसी शख्शियत की कहानी सुना रहे हैं। जिसे पढ़कर आपका जिंदगी के प्रति नजरिया बदल सकता है। यह कहानी है आर्थिक तंगी और मुश्किल हालातों से जूझती एक लड़की अनुराधा पॉल की, जिन्होंने कभी देश की सर्वोच्च परीक्षा पास कर आईएएस बनने का सपना देखा था और कड़े परिश्रम की बदौलत विपरीत परिस्थितियों के बीच भी गरीब की बेटी ने अपना लक्ष्य हासिल कर लिया।
✒️ पहले ही प्रयास में क्लियर किया UPSC, दूसरे प्रयास में बनीं IAS
दरअसल, बागेश्वर की नव नियुक्त डीएम आईएएस अनुराधा पॉल (IAS Anuradha Paul) ने पिता का सपना पूरा करने के लिए बहुत श्रम किया है। उन्होंने कोचिंग पढ़ाकर की यूपीएससी (UPSC) परीक्षा की तैयारी की और 62वीं रैंक हासिल कर IAS अधिकारी बनीं।
कहते हैं कि बहुत खुश्नसीब होते हैं, वह लोग जहां लक्ष्मी रूप में बेटियां घर में जन्म लेती हैं। जिस परिवार में लक्ष्मी का पदार्पण होता है, वहां खुशहाली आती है और दुख दूर हो जाते हैं। काफी शोधों में पाया गया है कि और बात क्षत-प्रतिशत सही भी है कि बेटियां मां से अधिक अपने पिता के करीब होती हैं।
IAS Anuradha Paul Success Story
यहां हम आपको एक ऐसी ही बेटी के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने गरीब पिता का सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत से पढ़ाई की और यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पास की। बड़ी बात यह है कि पिता के आर्थिक हालात देखकर उन्होंने कभी भी फीस के पैसे नहीं मांगे। आज अनुराधा आईएएस अधिकारी हैं, लेकिन आज भी वह अपने मुश्किल हालातों और आर्थिक तंगी के दौर को नहीं भूली हैं।
आईएएस अनुराधा ने बताया कि विपरीत हालातों में भी उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की पढ़ाई की और सफलता हासिल की। सबसे अहम बात तो यह है कि उन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) पास की और दूसरे प्रयास में आईएएस अधिकारी बन गईं।
आईएएस अनुराधा पॉल (IAS Anuradha Paul) के संघर्षों का सफर
हालांकि यह जानना भी जरूरी है कि अनुराधा ने कैसे बुनियादी सुविधाओं के नहीं होने के बावजूद भी आईएएस अधिकारी बनने का सफर तय किया। दरअसल, अनुराधा बचपन से ही आईएएस अधिकारी (IAS OFFICER) बनना चाहती थी, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के कारण उन्होंने कभी पिता पर पढ़ाई का दबाव नहीं आने दिया।
आर्थिक तंगी के कारण ही उन्होंने अपने सपनों की तरफ ना जाकर जरूरतों पर ध्यान दिया। यही वजह थी कि उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद नौकरी ज्वाइन कर ली। नौकरी लगने के कुछ सालों बाद उन्होंने फिर से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने का विचार किया। इसके लिए उन्होंने दिल्ली जाकर पढ़ाई करने का फैसला किया। दिल्ली में उन्होंने कोचिंग पढ़ाना शुरू कर दिया, क्योंकि वो अपने पिता को पैसों को लेकर परेशान नहीं करना चाहती थीं। यहीं से उनकी यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू हो गई।
First Attempt में UPSC Clear कर बनीं IRS अधिकारी
अनुराधा पॉल ने साल 2012 में UPSC की परीक्षा दी थी। कुशाग्र बुद्धि होने के चलते पहली ही बार में उन्हें सफलता मिल गई। इस परीक्षा में अनुराधा ने 451 वीं रैंक हासिल की। जिसके बाद उन्हें IRS पद मिल गया। इस पद पर उन्होंने करीब 2 सालों तक नौकरी की, लेकिन अभी भी उन्हें आईएएस अधिकारी बनने का लक्ष्य अधूरा रह रहा था। इसलिए उन्होंने नौकरी के साथ ही यूपीएससी की तैयारी फिर से शुरू कर दी।
62वीं रैंक हासिल कर बनीं IAS अधिकारी
दूसरी बार साल 2015 की यूपीएससी परीक्षा में उन्हें सफलता मिल गई। इस परीक्षा में उन्हें पूरे देश में 62वीं रैंक हासिल हुई। रैंक अच्छी आने के कारण उन्हें आईएएस ऑफिसर बनने का अवसर मिला। आज उन्होंने सफल होकर पूरे परिवार का नाम रौशन कर दिया है। अनुराधा पॉल पिथौरागढ़ में सीडीओ के पद पर कार्यरत थीं और आज उत्तराखंड के बागेश्वर में जिलाधिकारी के पद पर तैनात हैं। उनकी सफलता देश की तमाम ग्रामीण क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाली लड़कियों के लिए एक प्रेरणा है। वह पिता के अलावा अपनी सफलता के लिए मां के योगदान को भी मानती हैं।
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