बागेश्वर। उत्तराखंड आंदोलन के दौरान राज्य आंदोलन में सक्रिय रहे आंदोलनकारियों ने प्रशासन पर उनकी उपेक्षा का आरोप लगाया है। कहा कि चिह्नीकरण के बाद भी उन्हें प्रमाण पत्र नहीं दिए गए हैं। प्रमाण पत्र दिए जाने की मांग को लेकर उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा है कि पूर्व में कुछ आंदोलनकारियों को प्रशासन द्वारा प्रमाण पत्र दिए गए परंतु जांच के बाद भी 352 आंदोलनकारियों को प्रमाण पत्रों से वंचित कर दिया गया, जबकि इनकी जांच भी पूर्ण कर दी गई थी। कहा कि प्रदेश के अनुसचिव द्वारा 9 सितंबर 2021 का प्रशासन द्वारा अनुपालन नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि पांच मानकों के बाद चिहिनत आंदोलनकारियों को प्रशासन को प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने चाहिए। आरोप लगाया कि संपूर्ण चिह्ननीकरण कमेटी के गैर सरकारी सदस्यों ने एक पक्षीय फैसला लिया।
उन्होंने प्रशासन पर उच्च न्यायालय के फैसले की भी अवमानना करने का आरोप लगाया। आंदोलनकारियों ने कहा कि यदि उन्हें शीघ्र प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किए गए तो वे आंदोलन को बाध्य होंगे।
इस दौरान नंदाबल्लभ जोशी, गोविंद बल्लभ पांडे, मोहन उप्रेती, गोपाल सिंह, नवीन जोशी, जगदीश चौहान, मेहरबान सिंह, नंदाबल्लभ, कैलाश चंद्र पाठक, गुरमिला पाठक आदि उपस्थित थे।