नैनीताल। बाबा रामदेव की कोरोना से लड़ने के बनाई गई कोरोनिल के खिलाफ दायर जनहित याचिका को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। यहीं नहीं याचिकाकर्ता पर अदालत का कीमती समय बर्बाद करने पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। दरअसल बाबा रामदेव ने कोरोनिल की लांचिंग के समय किए गए दावे में इसे कोरोना की दवाई बताया गया था लेकिन अगले कुछ दिनों में बाबा व उनके प्रवक्ताओं ने साफ कर दिया था कि कोरोनिल कोरोना की दवाई नहीं है बल्कि यह इम्यूनिटी बढ़ाने की आयुर्वेदिक दवा है। याचिका मणि कुमार ने उच्च न्यायालय में कोरोनिल के खिलाफ जनहित याचिका दायर की थी। अब परिस्थितियां बदलीं तो याचिकाकर्ता ने प्रार्थनापत्र लगाकर याचिका वापस लेने के लिए आवेदन किया। इस पर अदालत ने उस पर कोर्ट का कीमती समय नष्ट करने के लिए 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।