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ALMORA NEWS: आशीष का ‘लघु शोध’ मिटाएगा मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियां और ग्रामीण महिलाओं की जीवन में लाएगा बेहतरी

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

ग्रामीण महिलाओं में मासिक धर्म को लेकर तमाम भ्रांतियां हैं, जिससे उनमें कई रोग घर कर जाते हैं। इन्हीं भ्रांतियों व अज्ञानता को दरकिनार करने की एक अच्छी पहल एसएसजे परिसर अल्मोड़ा की समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. इला साह के मार्गदर्शन में हो रही है। उनके निर्देशन में एमए तृतीय सेमेस्टर के छात्र आशीष पंत लघु शोध कर रहे हैं। लघु शोध के आधार पर एक डाॅक्यूमेंट्री भी तैयार हो रही है। जिसे महिलाओं की समस्याओं के समाधान का आधार बनाने की कवायद चल रही है।
सोबन सिंह जीना परिसर, अल्मोड़ा की समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. इला साह के निर्देशन में ‘ग्रामीण क्षेत्रों में मासिक धर्म’ विषयक लघु शोध कर रहे आशीष पंत पूर्व में अल्मोड़ा छात्रसंघ के महासचिव रह चुके हैं। उन्होंने अपने लघु शोध कार्य के लिए निकटवर्ती दौलाघट क्षेत्र के गुरना गांव को अध्ययन हेतु चुना है। तथ्यात्मक अध्ययन के पश्चात अब तक शोध में पाया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मासिक धर्म के मामले में महिलाओं में अज्ञानता मौजूद है। यही अज्ञानता महिलाओं के समक्ष तमाम समस्याएं खड़ी कर रही है। जिसमें स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या प्रमुख है। आशीष ने शोध के दौरान इसके पीछे जागरूकता के अभाव को कारण पाया है। मासिक धर्म जनित महिलाओं की समस्याओं के निवारण के लिए आशीष पंत ने अब अपने शोध अध्ययन के आधार पर कुछ नई पहल करने की ठानी है। उनका कहना है कि वह महिलाओं के जीवन में परिवर्तन लाएंगे।
इसके लिए 14 फरवरी, 2021 को दौलाघट स्थित पंचायत भवन में एक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया है। इसके लिए सीएमओ अल्मोड़ा से एक महिला चिकित्सा दल कार्यक्रम में भेजने का अनुरोध किया है और सीएमओ ने उन्हें चिकित्सा टीम भेजने का आश्वासन दिया है। आशीष का कहना है कि वे जागरुकता अभियान चलाते हुए पूरी रिसर्च को डॉक्यूमेंट्री का रूप देंगे, जिसे उत्तराखंड सरकार और भारत सरकार को प्रस्तुत करेंगे, ताकि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के जीवन स्तर में परिवर्तन लाने के ठोस प्रयास शुरू हो सकें।
प्रो. इला साह से मिली प्रेरणाः आशीष पंत ने समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. इला साह की प्रेरणा से बेहद प्रभावित हैं। वह कहते हैं कि प्रो. इला साह के मार्गदर्शन से ही उन्हें सकारात्मक ऊर्जा मिली। तभी उन्होंने उक्त चुनौतीपूर्ण विषय पर काम करने की हिम्मत मिली। वर्तमान में एमए तृतीय सेमेस्टर में अध्ययनरत आशीष नेट और पीएचडी की तैयारी में जुटे हैं। उन्होंने उक्त को ही बाद में पीएचडी का विषय चुनने का मन बनाया है।
कारगर होगा लघु शोध-प्रो. इलाः समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष और लघु शोध निर्देशक प्रो. इला साह का कहना है कि महिलाओं में मासिक धर्म की प्रक्रिया एक चुनौती के समान है। महिलाओं में इसे लेकर भ्रांतियां हैं। स्वास्थ्य को लेकर सचेत नहीं होने के कारण महिलाओं को कई बीमारियां जकड़ लेती हैं। उन्होंने कहा है कि महिलाओं की इसी समस्या के निदान के उद्देश्य से लघु शोध किया जा रहा है, ताकि इसके निष्कर्ष के सहारे समाधान निकाला जा सके। उन्होंने कहा है कि यह लघु शोध कारगर साबित होगा।

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