नैनीताल | उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ऋषिकेश के गुमानीवाला में आबादी क्षेत्र में लगाये जा रहे कूड़ा निस्तारण संयंत्र को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को राज्य सरकार, केंद्रीय प्रदूषण समेत सभी पक्षकारों से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा।
इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में हुई। ऋषिकेश निवासी समाज सेवी आशुतोष शर्मा ने जनहित याचिका दायर करके कहा कि स्थानीय नगर निगम द्वारा गुमानीवाला में कूड़ा निस्तारण संयंत्र लगाया जा रहा है।
यह घनी आबादी वाला क्षेत्र है। इस संयंत्र में पांच शहरों का कूड़ा निस्तारण किया जाना प्रस्तावित है। यह केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की नियमावली और हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार ऐसे संयंत्र आबादी क्षेत्र से बाहर लगाये जाने चाहिए। हाईकोर्ट ने भी अपने आदेश में कहा है कि ऐसे संयंत्र आबादी क्षेत्र से बाहर स्थापित किये जाने चाहिए।
दूसरी ओर राज्य प्रदूषण बोर्ड की ओर से कहा गया कि संयंत्र लगाने की अनुमति पीसीबी से नहीं ली गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से नगर निगम के कदम पर रोक लगाने की मांग की गयी है। मामले को सुनने के बाद पीठ प्रदेश सरकार के साथ ही ने सभी पक्षकारों से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई सात दिसम्बर को होगी।