अल्मोड़ा: अनीता की मेहनत रंग लाई, मुर्गी पालन बना आजीविका का साधन

ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना बन रही आजीविका सुधार में मददगार सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (रीप) अब लगन व मेहनत से…

अनीता की मेहनत रंग लाई, मुर्गी पालन बना आजीविका का साधन

ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना बन रही आजीविका सुधार में मददगार

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (रीप) अब लगन व मेहनत से लाभार्थी की आजीविका में सुधार करने लगी है। इसका एक उदाहरण भैसियाछाना ब्लाक के पल्यूं गांव की महिला अनीता देवी बनी है। जिसने इस परियोजना का लाभ उठाते हुए मुर्गी पालन को आजीविका वृद्धि का साधन बढ़ाया और आज वह 600 रुपये प्रति क्रायलर मुर्गी की दर से बाजार में विपणन कर रही है।

ग्रामीण उद्यम वेग वद्धि परियोजना (रीप) द्वारा विकासखण्ड भैसियाछाना में जय भारत स्वायत्त सहकारिता के साथ समूह सदस्यों की आजीविका संवर्धन गतिविधियां बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसी का लाभ लेते हुए ग्राम पल्यूं निवासी अनीता देवी ने मुर्गी पालन को आजीविका का साधन चुना और परियोजना के तहत 35000 की धनराशि का सहयोग प्राप्त किया। उन्होंने अपने इस कारबार को आगे बढ़ाने के​ लिए अपने प्रयासों से मुर्गीबाड़ा स्थापित किया और प्रथम चरण में इस बाड़े में 40 क्रायलर मुर्गियां डाली। मेहनत रंग लाई, तो अब अनीता देवी द्वारा 600 रुपये प्रति मुर्गी की दर से स्थानीय स्तर पर ही विपणन किया जा रहा है।

वर्तमान में अनीता देवी की 06 मुर्गियां अंडे भी दे रही है। ग्राम स्तर पर पहाड़ी अण्डों की बहुत अच्छी मांग है। अब लाभ को देखते हुए अनीता देवी निकट भविष्य में दूसरे चरण के लिए मुर्गियां क्रय करने की तैयारी में है। जिससे प्रभावित होकर अन्य ग्रामवासी भी आजीविका की संवर्धन गतिविधियों के लिए प्रेरित हो रहे हैं। इसी क्रम में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे ने बताया है कि जनपद में ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के जरिये अति निर्धन वर्ग के गरीब समूह सदस्यों को 35 हजार रुपये का रिवाल्विंग फंड सहकारिता के माध्यम से दिया जा रहा है। परियोजना द्वारा सदस्यों के आजीविका संवर्धन हेतु विभिन्न गतिविधियों में अभिसरण के माध्यम से भी सहायता प्रदान की जा रही है।

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