CNE REPORTER, बागेश्वर। नगर और आसपास के क्षेत्रों में बिक रहे दूध की गुणवत्ता को लेकर स्थानीय जनता में भारी आक्रोश है। गुरुवार को बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर दूध की जांच और अन्य मूलभूत समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का आरोप है कि बाजार में बिकने वाला मिलावटी दूध स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय में नारेबाजी करते हुए कहा कि बागेश्वर मुख्य बाजार में विभिन्न फार्मों और इकाइयों के माध्यम से जो दूध बेचा जा रहा है, उसकी गुणवत्ता संदिग्ध है। वक्ताओं ने आशंका जताई कि दूध में मिलावट की जा रही है, जिससे बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर गंभीर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने मांग की है कि खाद्य सुरक्षा विभाग तुरंत दूध के सैम्पल लेकर लैब टेस्ट कराए।
सड़क, बिजली और जंगली जानवरों का मुद्दा भी गरमाया
दूध की जांच के अलावा ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को सौंपे ज्ञापन में कई अन्य ज्वलंत समस्याओं को भी उठाया:
- गैस आपूर्ति: ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें कच्ची होने के कारण रसोई गैस के वाहन गांव तक नहीं पहुँच पा रहे हैं।
- बिजली समस्या: ऊर्जा निगम से मांग की गई है कि लाइनों के पास लॉपिंग (पेड़ों की छंटाई) की जाए ताकि बिजली आपूर्ति बाधित न हो।
- जंगली जानवरों का आतंक: जंगली सुअरों द्वारा फसलों को पहुँचाए जा रहे नुकसान से निजात दिलाने की गुहार लगाई गई।
- केवाईसी: राशन कार्डों की ई-केवाईसी प्रक्रिया को सरल बनाने और समय पर पूरा करने की मांग की गई।
आंदोलन की चेतावनी
ज्ञापन सौंपने वालों ने स्पष्ट किया कि यदि इन समस्याओं का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो क्षेत्र की जनता उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य हेमलता, अर्जुन देव, भरत कुमार, राजेश चंद्र पांडे, विनय जोशी, नीमा देवी, लक्ष्मण गौतम, मंजू देवी और प्रेम राम सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे।

