AlmoraUttarakhand

अल्मोड़ाः कर्मयोगी सोबन सिंह जीना के विचार आज भी प्रासंगिक

  • जयंती के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय में व्याख्यानमाला
    सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा

  • आजादी के अमृत महोत्सव के तहत महापुरुष सोबन सिंह जीना की 114वीं जयंती के उपलक्ष्य में सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में व्याख्यानमाला आयोजित की गई। जिसका विषय रहा- ‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सोबन सिंह जीना जी के जीवन दर्शन तथा विचारों की प्रासंगिकता’। जिसमें वक्ताओं ने उन्हें न्यायप्रिय व कर्मयोगी बताते हुए कहा कि उनके विचार आज भी प्रासंगिक व बेहद प्रेरणादायी हैं।

व्याख्यानमाला का उद्घाटन मुख्य वक्ता अधिवक्ता चामू सिंह घस्याल, प्रो. अनिल कुमार जोशी, कार्यक्रम संयोजक प्रो. जगत सिंह बिष्ट, सह संयोजक प्रो. प्रवीण सिंह बिष्ट, कार्यक्रम सचिव डॉ. पारुल सक्सेना ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर उन्होंने स्व. जीना के चित्र के पर पुष्प अर्पित किए जबकि संगीत की छात्राओं ने सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किए। संचालन करते हुए डॉ. रवींद्र नाथ पाठक ने सोबन सिंह जीना के व्यक्तित्व और उनके योगदानों पर प्रकाश डाला एवं रूपरेखा प्रस्तुत की। व्याख्यानमाला में कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी का संदेश पढ़ा गया, जिसमें कुलपति ने कार्यक्रम की सफलता के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महापुरुष सोबन सिंह जीना के विचार आज भी प्रासंगिक हैं।

मुख्य वक्ता चामू सिंह घस्याल ने स्व. जीना के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने सिविल और फौजदारी दोनों मामले पर वकालत की और उनके कार्य आज भी प्रेरणादायी हैं। उन्होंने पर्वतीय विकास मंत्री रहते पहाड़ के विकास के लिए अनेक कार्य किए। मुख्य वक्ता प्रो. अनिल कुमार जोशी ने कहा कि हमें अभिमान होना चाहिए कि हम सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय का हिस्सा हैं। यह पुराना महाविद्यालय परिसर बना और आज विश्वविद्यालय बन गया है। अन्य वक्ताओं ने अपने विचार रखते हुए स्व. सोबन सिंह जीना के जीवन दर्शन पर विस्तृत चर्चा की और उनके कार्यों से प्रेरणा लेने की जरूरत बताई। कार्यक्रम संयोजक प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सोबन सिंह जीना आदर्श व्यक्ति रहे हैं, जो कर्मयोगी रहे हैं। उनके मूल्यों को समझने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में सेवानिवृत शिक्षक डॉ, गिरीश चंद्र जोशी, प्रो. विद्याधर सिंह नेगी, सह संयोजक प्रो. प्रवीण सिंह बिष्ट आदि ने विचार रखे। जिसमें कई प्रध्यापक, छात्र-छात्राएं एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी शामिल हुए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Back to top button
किचन गार्डन में जरूर लगाएं ये पौधे, सेहत के लिए भी फायदेमंद Uttarakhand : 6 PCS अधिकारियों के तबादले शाहरूख खान की फिल्म डंकी 100 करोड़ के क्लब में शामिल हिमाचल में वर्षा, बर्फबारी होने से बढ़ी सर्दी Uttarakhand Job : UKSSSC ने निकाली 229 पदों पर भर्ती