अजय टम्टा : दलित चेहरा मोदी की पहली पसंद, कमजोर प्रतिद्वंद्वी का लाभ !

सीएनई डेस्क। अल्मोड़ा लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा की लगातार हो रही जीत का कारण क्या है। क्या कांग्रेस का एक कमजोर प्रत्याशी…

अजय टम्टा

सीएनई डेस्क। अल्मोड़ा लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा की लगातार हो रही जीत का कारण क्या है। क्या कांग्रेस का एक कमजोर प्रत्याशी हर बार उनके सामने होता है। जिस वजह से उनकी जीत सुनिश्चित रहती है ! इस प्रश्न पर भी अंदरखाने मंथन चल रहा है।

मीडिया रिपोर्टस की मानें तो भाजपा ने एक दलित चेहरे को उत्तराखंड में जगह दी है। जो अजय टम्टा हैं। हालांकि उनके विरोधी कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा भी उसी समाज से आते हैं, लेकिन जनता की पहली पसंद अजय ही रहे।​ राजनैतिक विश्लेषकों के अनुसार बार—बार अजय टम्टा की विजय के बावजूद कांग्रेस ने प्रत्याशी बदलने की नहीं सोची। यही उनकी हार का प्रमुख कारण रहा।

लगातार बढ़ रहा जीत का आंकड़ा

बता दें कि जीत की हैट्रिक लगाने वाले अजय टम्टा पूरे उत्तराखंड में एकमात्र ऐसे सांसद हैं। जिनकी जीत का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। वह भी ऐसे समय में जब पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में योगी का ग्राफ तक गिर गया।

यह रहा आंकड़ा

2014 में वह 95,690 मतों से जीते। 2019 में अजय ने 2 लाख 32 हजार 986 वोटाें से जीत दर्ज की। अबकी बार 2024 में आरक्षित सीट पर जनता ने उन्हें लगातार तीसरी बार संसद भेजा। वो भी रिकॉर्ड 2 लाख 34 हजार से अधक मतों से।

वहीं जनता के बीच जाकर चर्चा करें तो अजय टम्टा को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। कई लोगों का कहना है कि सीएम धामी से उनकी निकटता है। तो कई का कहना है कि उनके विनम्र स्वभाव के लोग कायल हैं।

अलबत्ता समस्त विश्लेषण के बाद यही कहा जा सकता है कि अजय टम्टा की जीत के पीछे बहुत सारे फेक्टर हैं। जिनमें सबसे पहला क्या है, यह स्पष्ट रूप में कहा नहीं जा सकता। बाजवूद इसके, अल्मोड़ा सीट पर यह चर्चा है कि उनका प्रतिद्वंद्वी कमजोर रहा है। कांग्रेस के ही नेता नाम न छापने की शर्त पर कह रहे हैं कि पार्टी को इस बारे में पुन: मंथन करना होगा। अलबत्ता अन्य कारणों में कुछ भी गिनाये जा सकते हैं।

चुनाव आयोग को दिए हलफनामे के मुताबिक, अजय टम्टा के पास 1.23 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। उनके ऊपर 19 लाख से ज्यादा की देनदारी भी है।

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