✒️ बार-बेंच के बीच सामंजस्य और गरिमापूर्ण व्यवहार की मांग
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
बार कौंसिल ऑफ उत्तराखंड के आह्वान पर जिला बार एसोसिएशन अल्मोड़ा के बैनर तले आज अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्यों से विरत रहते हुए धरना-प्रदर्शन किया। इस मौके पर तमाम अधिवक्ताओं ने बार और बैंच के बीच सामंजस्य स्थापित करने और अधिवक्ताओं के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार किए जाने पर जोर दिया।
धरनास्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि राज्य के न्यायिक अधिकारियों द्वारा अधिवक्ताओं के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार नहीं किये जाने एवं न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग न करने के कारण अधिवक्ताओं में रोष है। जिस कारण आज न्यायिक कार्यों से विरत होकर धरना-प्रदर्शन करने को विवश होना पड़ा है। इस मौके पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अधिवक्ता अपने सम्मान के लिए एकजुट रहेंगे।
पूर्व से तय कार्यक्रम के तहत आज जिला बार एसोसिएशन अल्मोड़ा द्वारा जिला एवं सत्र न्यायालय के मुख्य द्वार पर शांतिपूर्ण ढंग से दो घंटे का धरना-प्रदर्शन किया गया। मुहिम का नेतृत्व अध्यक्ष शेखर लखचैरा ने किया जबकि संचालन सचिव भुवन पाण्डे व भगवत मेर द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
कोषाध्यक्ष कमलेश कुमार द्वारा धरने की रूपरेख तैयार की गयी। धरने में महिला उपाध्यक्षा सुनीता पाण्डे, उपाध्यक्ष कुंदन लटवाल, सह कोषाध्यक्ष इंतिकाख आलम कुरेशी, भोलाशंकर जोशी, मुरली मनोहर भट्ट, नारायण सिंह जीना, सुरेश अगनिहोत्री ने सहयोग दिया। धरना-प्रदर्शन में कई अधिवक्ताओं ने विचार रखे।
अधिवक्ता गिरीश चन्द्र फुलारा ने कहा कि अधिवक्तागणों के विरूद्ध हो रहे न्यायिक अधिकारियों के गलत व्यवहार के लिए समस्त बार को संगठित रहकर संघर्ष करना होगा। वरिष्ठ अधिवक्ता चामू सिंह घस्याल ने कहा कि बार तथा बैंच दोनों को ही आपस में सामंजस्य स्थापित रखना होगा। जिससे दोनों के मध्य आपसी सदभाव बना रहेगा और वादकारियों को परेशानियां नहीं होगी। वरिष्ठ अधिवक्ता जमन सिंह बिष्ट ने कहा कि बार और बैंच रथ के दो पहियें हैं। दोनों को समान रूप से कार्य करना होगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता गोविन्द लाल वर्मा ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों द्वारा अधिवक्ताओं के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार किया जाना चाहिए। चूंकि अधिवक्ता अदालत के अफसर होतें हैं। अधिवक्ता हर समय अदालतों की सहायता करता है। वरिष्ठ अधिवक्ता पीसी तिवारी ने कहा कि न्यायिक अधिकारियों द्वारा अधिवक्ताओं के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार किया जाना चाहिए। यदि अधिकारीगण अपनी मनमानी करेंगें तो न्याय कहां रहेगा। वरिष्ट अधिवक्ता महेश चन्द्रा ने कहा अधिकारिगण को अपनी कुर्सी का अहंकार है। जिस कारण आज न्यायिक अधिवकारीगणेां के खिलाफ प्रदेश भर में धरना-प्रर्दशन किया जा रहा है। इसी क्रम मे पूर्व अध्यक्ष महेश चन्द्र सिंह परिहार ने कहा कि बार व बैंच की समय-समय पर बैठक हो तो ऐसी स्थिती ना बने। गजेन्द्र सिंह मेहता, जीवन आर्या, त्रिभुवन शर्मा आदि ने भी विचार रखे।
धरना स्थल पर अधिवक्तागण एचएस डांगी, विभा पाण्डे, रविन्द्र सिंह बिष्ट, भूपेन्द्र सिंह मियान, देवेश बिष्ट, माधव सिंह जीना, सुनील कुमार प्रेम आर्या, कृष्ण सिंह बिष्ट, प्रताप सिंह अधिकारी अनूप कुमार, हरीश लोहमी, जगदीश चंद्र तिवारी, संदीप टम्टा, मोहन सिंह, संजय विधार्थी, धीरेश जोशी, शंकर कुमार, मनोज सिंह, घनश्याम जोशी, एसके पंत, संजय कर्मयाल, इमरोज खान, पंकज लटवाल, रोहित बिष्ट, वंदना कोहली, दिवान सिंह बिष्ट, गोधन सिं बिष्ट, एचबी नैनवाल, भाष्कर पाण्डे, नवल जाशी, मुकेश कुमार, विनोद फुुलारा, निर्मल रावत, पूरन चन्द्र लोहमी, वैभव पाण्डे, शैफाली चैरासी, विनोद जोशी कविन्द्र पंत, भावना जोशी आदि मौजूद रहे।