आंचल दूध Safe है, .08 पीपीएम का अंतर मामूली, करनी होगी गहन जांच – बोरा

हल्द्वानी | आंचल दूध में मेलामाइन की पुष्टि होने पर फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के द्वारा आंचल निर्माता कंपनी पर मुकदमा दर्ज करवाया गया…

हल्द्वानी | आंचल दूध में मेलामाइन की पुष्टि होने पर फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के द्वारा आंचल निर्माता कंपनी पर मुकदमा दर्ज करवाया गया है। जिसे लेकर बुधवार को नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा ने हल्द्वानी के एक रेस्टोरेंट में पत्रकार वार्ता कर सफाई देते हुए कहा कि आंचल दूध सुरक्षित है और उपभोक्ताओं को इसके सेवन से कोई नुकसान नहीं है। इस मामले की दोबारा जांच करवाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि आंचल गोल्ड के सारे सैंपल मानक पर खरे उतरे हैं लैब ने क्लीन चिट भी दी है तो ऐसे में प्वाइंट जीरो 8 पीपीएम का अंतर गले से नहीं उतर रहा, दूध के सैंपल उच्च लैब को भेज मामले की जांच कराई जाएगी। बोरा ने कहा कि आंचल दूध की छवि खराब करने की कोशिश भी हो सकती है जिसकी वह विभागीय संलिप्तता पर भी जांच कराएंगे।

आपको बता दें कि जनवरी 2023 में आंचल डेरी प्लांट से 9 नमूने क्वालिटी जांच के लिए रुद्रपुर प्रयोगशाला में भेजे गए थे। जिसमें आंचल गोल्ड ब्रांड के पैकेट दूध के 1 नमूने में 0.08 पीपीएम मेलामाइन की पुष्टि पाई गई।

फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड एडिटिव रेगुलेशन 2011 के तहत 2.50 पीपीएम तक लिमिट परमिटेड है लेकिन रिपोर्ट में 2.58 पीपीएम पाई गई है। शेष 8 नमूने मानक के अनुरूप पाये गये हैं। ऐसे में इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है और देखने वाली बात होगी अब आंचल के अगले सैंपल की रिपोर्ट क्या आती है और लैब द्वारा क्लीन चिट मिल पाती है या नहीं।

मुकेश बोरा ने उत्तराखंड डेयरी को-ऑपरेटिव फेडरेशन के प्रशासन का संभाला कार्यभार

उत्तराखंड डेयरी को-ऑपरेटिव फेडरेशन के प्रशासक मुकेश बोरा ने सोमवार को अपना पदभार ग्रहण किया। इस दौरान कर्मचारियों ने उनका स्वागत किया। साथ ही उन्होंने फेडरेशन को लेकर अपनी प्राथमिकताएं भी बताई।


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