दशहरा महोत्सव: अल्मोड़ा में रावण कुल के कलात्मक व विशालकाय पुतलों का निकला जुलूस

✍️ हजारों की तादाद में दशहरा महोत्सव के गवाह बने लोग ✍️ राम की झांकी पर पुष्पवर्षा, सैलानियों ने भी उठाया लुत्फ सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा:…

अल्मोड़ा में रावण कुल के कलात्मक व विशालकाय पुतलों का निकला जुलूस

✍️ हजारों की तादाद में दशहरा महोत्सव के गवाह बने लोग
✍️ राम की झांकी पर पुष्पवर्षा, सैलानियों ने भी उठाया लुत्फ

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा: सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने के लिए मशहूर अल्मोड़ा नगर का दशहरा महोत्सव भी खासी पहचान रखता है और इसमें शामिल होने वाले रावण कुल के कलात्मक पुतले देशभर में मशहूर हैं। आज बुधवार को नगर दशहरा महोत्सव धूम से लबरेज रहा। कलात्मक व विशालकाय करीब डेढ़ दर्जन पुतलों का ढोल नगाड़ों के साथ भव्य जुलूस निकला। जुलूस में शामिल एक से बढ़कर एक पुतले लोगों के लिए कौतूहल बने रहे। हजारों लोगों ने महोत्सव का भव्य नजारा देखा। दशहरा महोत्सव में संस्कृति की अनूठी छटा देखने को मिली।

आज शनिवार को परंपरानुसार नगर की विभिन्न पुतला समितियां अपने-अपने पुतले लेकर माल रोड में शिखर तिराहे के समीप पालिका कॉम्प्लेक्स के निकट पहुंचे। पुतलों का इस जगह पर एकत्रित होने का सिलसिला दोपहर करीब 12 बजे से शुरू हुआ। अपराह्न तक ये पुतले इस स्थान पर पहुंचे। अपराह्न दशहरा महोत्सव समिति के बैनर तले पुतलों के जुलूस के उद्घाटन उपरांत शाम लगभग साढ़े चार बजे जुलूस शुरू हुआ। जुलूस शनै:-शनै: डेढ़ किमी लंबी मुख्य बाजार होते हुए आगे बढ़ा। जुलूस में वाद्य यंत्रों के साथ खूब नाच—गाना हुआ। पुतला समितियों की युवा टोलियां ढोल-मजीरे व बैंड-बाजे की धुनों पर अपने-अपने पुतलों के साथ जमकर थिरकते निकले। जुलूस के पीछे—पीछे असत्य पर सत्य की​ विजय के प्रतीक स्वरूप भगवान राम, लक्ष्मण व सीता की मनोहारी झांकी निकली। नगर के बच्चे, बूढ़े व महिला—पुरुष हजारों की तादाद में जुलूस देखने उमड़ पड़े। बाजार मार्ग के दोनों ओर ही नहीं बल्कि घरों व भवनों के छतों में दशकों का जमावड़ा रहा।

पुतलों के जुलूस के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कलाकार अख्तर हुसैन रहे। इस मौके पर केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा, विधायक मनोज तिवारी, निवर्तमान पालिकाध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी, पूर्व विधायक कैलाश शर्मा, जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे, पूर्व पालिकाध्यक्ष शोभा जोशी, दशहरा महोत्सव समिति के अध्यक्ष अजीत सिंह कार्की, दशहरा महोत्सव समिति के अध्यक्ष अजीत कार्की, मुख्य संयोजक किशन लाल, मुख्य संयोजक मनोज सनवाल व कैलाश गुरुरानी, उपाध्यक्ष अशोक पांडे, दीपक साह, दिनेश गोयल, तारा चंद्र जोशी, पूरन रौतेला, अमरनाथ सिंह नेगी, संजय साह ‘रिक्खू’, दीप जोशी, मनोज जोशी, त्रिलोचन जोशी, रवि गोयल, अमित साह ‘मोनू’, मनोज वर्मा समेत अनेक लोग शामिल रहे। विभिन्न पुतला निर्माण समितियों ने रात दिन कड़ी मेहनत से रावण, ताड़िका, मेघनाद, खर—दूषण, मारीच, मायान्तक, अतिकाय, ज्वालासुर, कालकासुर, लवणासुर, प्रहस्त, विरत, कुण्ड, त्रिसरा, देवातंक व अक्षय कुमार आदि विविध विशालकाय व कलात्मक पुतले बनाए थे।

इस बार स्थानाभाव के कारण सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थगित रहे जबकि पुतलों का दहन भी स्टेडियम के बजाय एसएसजे कैंपस के जंतु विज्ञान विभाग के मैदान में किया जा रहा है। देर रात इस जगह पर पुतले पहुंचने शुरु हुए, जिन्हें एक—एक कर देर रात तक आग के हवाले किया जाएगा। समाचार लिखे जाने तक पुतलों के दहन के दौरान होने वाली जबर्दस्त आतिशबाजी के भव्य नजारे का इंतजार लोग कर रहे थे। कानून व शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस महकमे ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं।
मशहूर हैं कलात्मक पुतले

अल्मोड़ा: अल्मोड़ा में दशहरा महोत्सव की परंपरा दशकों पुरानी है। यहां के कलात्मक पुतले पूरे देशभर में मशहूर हैं। स्थानीय हुनरमंद कई दिनों की मेहनत से इन्हें स्वयं तैयार करते हैं। जो सजीवता को दर्शाते हैं। देश में मैसूर व कुल्लू मनाली के बाद दशहरा महोत्सव में अल्मोड़ा का तीसरे नंबर पर माना जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *