सीएनई रिपोर्टर, हल्द्वानी
आज से 04 साल पहले जिस युवक की गुमशुदगी दर्ज कराई कई थी, उसका शव आज टांडा के जंगल में मिला। हालांकि अंतिम रूप से पुष्टि के लिए शव को डीएनए जांच के लिए भेज दिया गया है। नर कंकाल के पास मिले आधार कार्ड से लाश की शिनाख्त हो पाई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आज सोमवार को टांडा जंगल में नर कंकाल मिलने से सनसनी फैल गई। कंकाल के पास से आधार कार्ड बरामद हुआ है, जिसके आधार पर उसकी शिनाख्त हुई है। बताया जा रहा है जो कंकाल बरामद हुआ है, उसकी चार साल पूर्व पिथौरागढ़ में गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। वह चार साल पूर्व बिन्दुखत्ता में अपनी बहन के पास आया था। पुलिस ने डीएनए को जांच के लिए भेज दिया है।
घटनाक्रम के अनुसार सोमवार को टांडा जंगल में कुछ लोग लकड़ियां बीनने और घास काटने के लिए गए हुए थे। तभी जंगल में उन्हें एक नर कंकाल पड़ा हुआ मिला, जिससे वह दशहत में आ गए। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर मौका मुआयना किया। नर कंकाल के पास ही आधार कार्ड भी मिला, जिससे उसकी शिनाख्त हरीश जोशी निवासी बागेश्वर के रूप में हुई।
जब पुलिस ने परिजनों से संपर्क साधा तो जानाकरी हुई कि हरीश मानसिक रूप से कमजोर था। वह ग्रिफ पिथौरागढ़ में तैनात था। साल 2018 में वह अचानक लापता हो गया, जिसके बाद पिथौरागढ़ में उसकी गुमशदुगी दर्ज करा दी गई। बाद में जानकारी हुई कि हरीश बिन्दुखत्ता में रहने वाली अपनी बहन के यहां आ गया, लेकिन कुछ समय बाद वह यहां से भी लापता हो गया। पुलिस ने नर कंकाल को सुरक्षित रख लिया है। फिलहाल पुलिस कंकाल का डीएनए कराने की तैयारी कर रही है, ताकि शव की शिनाख्त हो सके।
पुलिस विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की पड़ताल कर रही है। आखिर हरीश बिन्दुखत्ता से यहां कसे पहुंचा यह सबसे बढ़ा सवाल बना हुआ है। उसने आत्महत्या की या फिर उसके साथ कोई हादसा हुआ इस प्रकरण को ध्यान में रखकर भी पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है। यह मामला आज पूरे इलाके में जबरदस्त चर्चा का विषय बना हुआ है।