सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
दुग्ध संघ अल्मोड़ा कार्यालय में हुई एक गोष्ठी में श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में उनका भावपूर्ण स्मरण करते हुए उनके बहुमूल्य योगदान को याद किया गया।
शुक्रवार को आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने डॉ० कूरियन के जीवन पर प्रकाश डाला और उनके योगदान को याद किया। उन्होंने बताया कि डॉ० कुरियन ने भारत में लगभग 30 संस्थाओं की स्थापना की, जिसमें प्रमुख अमुल, गुजरात मिल्क मार्केटिग फैडरेशन, इरमा व एनडीडीबी आदि हैं। श्वेत क्रांति के जनक कहे जाने वाले डॉ० कुरियन सदैव किसानों के हित लाभ की बात करते थे। वो कहते थे कि ”मेरा किसान मजबूत होगा, तो मेरा भारत मजबूत होगा।”
कार्यकम को दुग्घ संघ के प्रभारी प्रधान प्रबंधक अरुन नगरकोटी ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने बताया कि आज के दिन आन्न्द गुजरात में डॉ० कुरियन का जन्म शताब्दी समारोह धूम घाम से मनाया जा रहा है, जो कि पिछले एक माह से शताब्दी समारोह के कार्यक्रम देशभर में चल रहे थे। आन्न्द के कार्यक्रम में आज अतिथि के रुप में डॉ० कुरियन की बेटी निर्मला कुरियन को भी आमंत्रित किया गया है, जिसमें मुख्य अतिथि भारत के पशुपालन डेरी मत्री पुरषोतम रुबाला है।
कार्यक्रम में डॉ० कुरियन के चित्र पर दुग्ध संघ के सभी कार्मिकों ने माल्यापर्ण कर मिष्ठान वितरण किया। इस अवसर पर दुग्ध संघ के प्रभारी जीएम अरुन नगरकोटी, वरिष्ठ दुग्ध निरीक्षक नरेन्द्र लाल वर्मा, प्रभारी वित्त डीके वर्मा, प्रभारी स्टोर नवीन पन्त, प्रभारी दुग्धशाला नरेश शर्मा, प्रभारी उर्पाजन राजेन्द्र काण्डपाल, राजेन्द्र लटवाल, बलवन्त रावत, पंकज मेहता, कैसर खान, सुनीता उप्रेती, महेन्द्र मेहता, प्रकाश जोशी, आनंद सिंह, सोनू जोशी, गणेश लोहनी, मुन्नी मेहता आदि उपस्थित थे।
कौन थे वर्गीज कुरियन !
वर्गीज कुरियन भारत में ‘श्वेत क्रांति’ के जनक थे। उन्हें ‘फादर ऑफ़ वाइट रेवोलुशन’ भी कहा जाता है। उनका जन्म केरल के कोझिकोड में 26 नवंबर 1921 को हुआ था। उनके जन्मदिन को नेशनल मिल्क डे के रूप में मनाया जाता है. इसकी शुरुआत साल 2014 में की गई थी। उन्होंने भारत को दूध की कमी से जूझने वाले देश से दुनिया का सर्वाधिक दूध उत्पादक देश बनाने वाले सहकारी दुग्ध उद्योग के मॉडल की आधारशिला रखी थी। उनके ‘ऑपरेशन फ्लड’ ने भारत को दुग्ध उत्पादकों के सूचि में सबसे आगे खड़ा कर दिया। अपने जीवनकाल में 30 से अधिक उत्कृष्ट संस्थानों के स्थापना करने वाले डॉ. कुरियन को रेमन मैगसेसे, पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। 9 सितंबर, 2012 को 90 वर्ष की आयु में उनका निधन गुजरात में हो गया था।