बागेश्वर। शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत बिना मान्यता के विद्यालय संचालन पर 1 लाख तक होगा जुर्माना। विकास खंड स्तरीय शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत एक दिवसीय कार्यशाला में शिक्षकों को दी विभिन्न जानकारी।
इंटर कालेज गागरीगोल में शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत मान्यता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर डॉ. कैलाश प्रकाश चन्दोला ने कहा कि 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने के लिये कानून बनाया है। जिसके तहत सरकारी विद्यालयों में 1 से 8 तक के बच्चों को किताबें, ड्रेस, निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। जबकि निजी विद्यालयों में 25 फीसदी सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित की गई है। जिनके फीस व पुस्तकें सरकार द्वारा दी जा रही है। उन्होंने आरटीई के तहत विद्यालय सुरक्षा, पीटीए, टीएलएम, सहित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत कोई विद्यालय बिना मान्यता के संचालित करते हुए पाया जाता है तो उस पर अधिकतम एक लाख तक के जुर्माने जा प्राविधान निहित है। एसएसए के जिला समन्वयक सुमित पांडेय ने बताया कि शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत अब 1 से 5 तक के बच्चों के लिए किताबों का शुल्क 250 व 6 से 8 तक के बच्चों के लिए 400 रुपये जबकि ड्रेस के लिए 1 से 8 तक के बच्चों के लिए 600 रुपये जबकि स्कूल फीस अधिकतम 1382 रुपये निर्धारित की गई है।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा मिड डे मील में भी इस वर्ष बढोतरी की गई है। जिसमें 1 से 5 तक प्रति छात्र 9.69 तथा 6 से 8 तक के बच्चों के लिए 12.34 रुपये निर्धारित किया गया है। इस अवसर पर मास्टर ट्रेनर स्वीप आलोक पांडेय ने मतदाता जागरूकता अभियान के तहत चलाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए। सभी लोगों से अपने आसपास के नए युवाओं का नाम वोटर लिस्ट में चढ़ाने की अपील की। कहा कि सरकार द्वारा अधिक से अधिक लोगों को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए घर-घर जाकर अभियान चलाया हुआ है। जिसमें हम सब की भी जिम्मेदारी है कि अभियान से जुड़ कर नव मतदाताओं का नाम मतदाता सूची में दर्ज करवाये।
कार्यशाला की अध्यक्षता प्रबंधक दीपक पाठक, संचालन उमेश जोशी ने किया। इस दौरान पूर्व खण्ड शिक्षा अधिकारी गोविंद प्रसाद कुनियाल, प्रधानाचार्य नंदन सिंह अलमियां, सीआरसी समन्वयक रमेश फुलारा, जावेद सिद्दकी, मंजू गड़िया, सुमन भरड़ा, भैरव नाथ गोस्वामी, अशोक कुमार, किशन सिंह राणा, सुरेश खोलिया, राजेन्द्र प्रसाद, विजय काण्डपाल आदि मौजूद थे।