सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
यहां ग्राम सभा गधोली के मध्य लग रहे जियो कंपनी के टावर को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। जमीन के एक हिस्सेदार ने इस मामले मे आपत्ति दर्ज करते हुए जहां जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है, वहीं असिस्टेंट कलेक्टर सदर ने खुली अदालत में वादी के पक्ष में आदेश जारी करते हुए विववादित भूमि का हस्तान्तरण नही करने को कहा है।
ग्राम गधोली निवासी हिम्मत सिंह ने जिलाधिकारी को दिये ज्ञापन में कहा है कि ग्राम सभा के मध्यम एक निजी कंपनी को जियो को टावर लगाने की आज्ञा, जमीन के एक हिस्सेदार दी गई है। जबकि भूमि का अभी तक कानूनी रूप से बंटवारा नही हुआ है। हिम्मत सिंह ने कहा कि 2010 की आपदा में उनके मकान का कुछ हिस्सा टूट चुका है तथा भविष्य में भी उस स्थान में रहने में खतरा है। जिस स्थान पर टावर लग रहा है, भविष्य में उस स्थान पर उन्हें आवासीय भवन का निर्माण करने की जरूरत पड़ेगी। चूंकि इसके अलावा कहीं अन्य भवन निर्माण के लिए स्थान उपलब्ध नही है।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि टावर से निकलने वाली किरणों से उन्हें तथा अन्य ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ सकता है। उन्हेांने कहा कि विपक्षी द्वारा उन्हें धमकाया भी जा रहा है। उन्होंने संबंधित व्यक्ति व सरकारी महकमे, जिनके द्वारा कृषि भूमि में निजी कंपनी को बिना जमीन की जांच पड़ताल टावर लगाने की अनुमति दी गई है उन पर कार्रवाई करने की मांग की है। ज्ञापन के साथ उन्होंने गत 02 सितंबर को न्यायालय असिस्टेंट कलेक्टर, प्रथम श्रेणी सदर, अल्मोड़ा द्वारा जारी आदेश की प्रतिलिपि भी लगाई है। जिसमें असिस्टेंट कलेक्टर सदर, अल्मोड़ा सीमा विश्वकर्मा द्वारा प्रतिवादी को संबंधित भूमि में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य, प्रास्थिति बदलने व हस्तक्षेप करने और विवादित भूमि का हस्तान्तरण नही करने को कहा गया है। ज्ञापन में ग्राम प्रधान अर्जुन सिंह मुस्युनी के अलावा कुल 40 ग्रामीणों के हस्ताक्षर हैं।