सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
अल्मोड़ा कांंग्रेस के जिला प्रवक्ता राजीव कर्नाटक ने शिक्षक कर्मचारियों को अपनी मांगों को लेकर टिप्पणी करने से रोकने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने इस बात को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि जिस राज्य के निर्माण के लिए शिक्षकों—कर्मचारियों ने 94 दिन की हड़ताल की थी, आज उसी राज्य में उन्हें अपने हकों के लिए बोलने से रोका जा रहा है और इसे लेकर उन्हें कर्मचारी आचरण नियमावली का पाठ पढ़ाया जा रहा है।
श्री कर्नाटक ने कहा है कि कई विभागों में दो सालों से पदोन्नतियां नहीं हो सकी और स्थानांतरण एक्ट लागू नहीं हो पाया है। गोल्डन कार्ड सात महीने से नहीं चल रहा है। इसके बावजूद इन मुद्दों पर बोलने पर कार्मिकों को मुंह नहीं खोलने की नसीहत दी जा रही है। जो बेहद सोचनीय व दुर्भाग्यपूर्ण है। ताजा खबरों के लिए WhatsApp Group को जॉइन करें 👉 Click Now 👈
उन्होंने कहा है कि कर्मचारियों की आवाज दबाना नादिरशाही रवैए का परिचायक है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों की हड़ताल पर पहले से ही रोक लगाई है और अब नया फरमान जारी कर कह दिया है कि शिक्षक सरकार के फैसले के विरुद्ध सोशियल मीडिया पर कुछ लिख नहीं सकते, जो अलोकतांत्रिक फैसला है। सरकार को हड़ताल से भी पाबंदी हटा देनी चाहिए।
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