सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
जनपद के विभिन्न स्थानों में बंदरों ने काश्तकारों व व्यापारियों के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं।बंदरों का उत्पात आए दिन बढ़ता ही जा रहा है।एक ओर जहां खेती चौपट हो रही है, वहीं छोटे बच्चों की सुरक्षा का भी संकट पैदा हो गया है। बंदरों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि काश्तकारों का खेती से मोहभंग होता जा रहा है। खेतों को नुकसान करने के साथ-साथ बंदर महिलाओं एवं बच्चों पर भी हमले कर रहे हैं।
गरुड़ तहसील के डंगोली, कौसानी, लौबाज, टीटबाजार,सिल्ली, मटेना, पाये, दर्शानी, लोहारी, अमोली, जिजोली, नौघर, तैलीहाट, भेटा, जिनखोला, गड़सेर, गागरीगोल सहित दर्जनों गांवों में बंदरों का आतंक व्याप्त है। बंदरों ने साग-सब्जी और खेती सब चौपट कर दी है। बंदरों का झुंड घरों के अंदर घुसकर सामान ले जा रहा है। बंदरों ने बाजार में दुकानदारों की नाक में भी दम कर रखा है।
बंदरों के आतंक के चलते इन दिनों गेहूं की मड़ाई में काफी व्यवधान आ रहा है।बंदर गेहूं के गठ्ठर उठा ले जा रहे हैं। मटेना के ग्राम प्रधान हंसी साह, चंदन परिहार, रविशंकर बिष्ट, उमा भट्ट, व्यापार संघ अध्यक्ष लक्ष्मी दत्त पांडे, गोपाल सिंह नेगी, गिरीश चंद्र खोलिया आदि ने बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की पुरजोर मांग की है और ऐसा नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
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