कोरोना का पहला टीका स्वास्थ्यकर्मियों को लगाकर समाज अपना ऋण चुका रहा: मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कोरोना टीकाकरण अभियान के पहले चरण में तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाकर समाज उनके…

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि कोरोना टीकाकरण अभियान के पहले चरण में तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाकर समाज उनके ऋण को चुका रहा है।

मोदी ने आज दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का शुभारंभ करते हुए कोरोना के खिलाफ जंग में स्वास्थ्यकर्मियों के त्याग और समर्पण भाव को याद करते हुए कहा कि राष्ट्र सिर्फ मिट्टी, पानी, कंकड़, पत्थर से नहीं बनता। राष्ट्र का अर्थ होता है-हमारे लोग। कोरोना के खिलाफ लड़ाई को पूरे देश ने इसी भावना के साथ लड़ा है।

उन्होंने कहा, “आज जब हम बीते साल को देखते हैं, तो एक व्यक्ति के रूप में, एक परिवार के रूप में और एक देश के रूप में, हमने बहुत कुछ देखा है, जाना है, समझा है।”
उन्होंने भावुक होते हुए कहा, “आज भारत जब अपना टीकाकरण अभियान शुरू कर रहा है, तो मैं उन दिनों को भी याद कर रहा हूं, कोरोना संकट का वो दौर, जब हर कोई चाहता था कि कुछ करे लेकिन उसको उतने रास्ते नहीं सूझते थे। सामान्य तौर पर बीमार व्यक्ति की देखभाल के लिए पूरा परिवार जुट जाता है लेकिन इस बीमारी ने तो बीमार को ही अकेला कर दिया। कई जगहों पर बीमार बच्चों को मां से अलग कर दिया। मां रोती थी लेकिन चाहकर भी कुछ कर नहीं पाती थी। बच्चे को गोद में नहीं ले पाती थी। कई बुजुर्ग पिता अस्पताल में अकेले बीमारी से जूझ रहे थे। उनकी संतान चाहकर भी कुछ नहीं कर पाती थी। जब वो चले जाते थे, तो उन्हें परंपरा के मुताबिक वो विदाई भी नहीं मिल पाती थी, जिसके वो हकदार थे।”

मोदी ने कहा, “जितना हम उस समय के बारे में सोचते हैं, मन सिहर जाता है, उदास हो जाता है, लेकिन संकट के उसी समय में, निराशा के उसी वातावरण में कोई आशा का भी संचार कर रहा था। हमें बचाने के लिए अपने प्राणों को संकट में डाल रहा था। हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल कर्मचारी, एंबुलेंस ड्राइवर, आशाकर्मी, पुलिसकर्मी, सफाईकर्मचारी और अग्रिम मोर्च पर डटे दूसरे कर्मी, उन्होंने मानवता के प्रति अपने दायित्व को प्राथमिकता दी। इनमें से अधिकांश अपने बच्चों और परिवार से दूर रहे। कई-कई दिन तक घर नहीं गये। सैकड़ों साथी ऐसे भी हैं, जो कभी घर वापस नहीं लौट पाये। उन्होंने एक-एक जीवन को बचाने के लिए अपना जीवन आहूत कर दिया।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “इसी कारण आज कोरोना का पहला टीका स्वास्थ्य सेवा से जुड़े लोगों को लगाकर , एक तरह से समाज अपना ऋण चुका रहा है। यह टीका उन सभी साथियों के प्रति कृतज्ञ राष्ट्र की आदरांजलि भी है।”

देखिए हल्द्वानी की बेटी वर्तिका पाठक की ऊंची उड़ान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *